297 वर्षों बाद खास संयोग में मनेगा रक्षाबंधन पर्व
भद्रा काल से मुक्त, सर्वार्थ सिद्धि योग भी इसी दिन
उज्जैन | 8 अगस्त 2025
इस बार रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त, शनिवार को दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग में मनाया जाएगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, ऐसा अद्वितीय योग 297 वर्षों बाद बन रहा है, जो आखिरी बार वर्ष 1728 में देखा गया था।
आठ ग्रहों की अद्भुत स्थिति
ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बेवाला के अनुसार, 2025 में आठ ग्रह उसी राशि में रहेंगे जैसे 1728 में थे—
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सूर्य: कर्क
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चंद्र: मकर
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मंगल: कन्या
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बुध: कर्क
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गुरु व शुक्र: मिथुन
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राहु: कुंभ
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केतु: सिंह
यह दुर्लभ योग शताब्दियों में एक बार बनता है, जो इस रक्षाबंधन को और भी पुण्यफलदायी बनाता है।
भद्रा काल से पूरी तरह मुक्त
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल नहीं रहेगा, जिससे राखी बांधने का समय पूरे दिन शुभ रहेगा।
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शुभ मुहूर्त: प्रातः से दोपहर 2:40 बजे तक
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सर्वार्थ सिद्धि योग: मध्यान्ह 2:40 बजे तक
महाकाल को सबसे पहले राखी
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरा के अनुसार रक्षाबंधन की शुरुआत भगवान महाकाल से होगी। तड़के भस्म आरती के दौरान महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी और सवा लाख लड्डुओं का महाभोग चढ़ाया जाएगा।
विशेष महत्व
श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, और मकर राशि में चंद्रमा के संयोग से यह रक्षाबंधन धार्मिक दृष्टि से बेहद शुभ माना जा रहा है। परंपरा और ज्योतिष—दोनों के अनुसार, इस दिन रक्षा सूत्र बांधना भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत और मंगलमय बनाएगा।
