April 29, 2024

भोपाल। शाहपुरा में जिस मकान में डकैती हुई उस मकान को लुटवाने में घर के 15 वर्षीय नाबालिग नौकर की सबसे अहम भूमिका थी, उसे पीड़‍ि‍त परिवार ने पढ़ाने के लिए घर में रखा था, उसने ही डकैतों के लिए घर के मुख्य दरवाजे खोले और – कहा कीमती सामान और रुपये रखा है। उसी ने सारी जानकारी डकैतों को दी।
सबसे चौंकाने वाली बात है कि पीड़‍ित परिवार के लोग उस पर आंख बंद कर भरोसा रखते थे और घर के छोटे मोटे कामों की जरूरत के लिए लगने वाले रुपये अलमारियों से उसी से निकलवाते थे, वह हर चीज पर नजर रखता था कि घर के किस हिस्से में कौन क्या क्या रखता है?

हाइड्रोलिक पलंग से निकाली रकम

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मलकीत सिंह ने बताया कि जिस मकान में डकैती हुई, उसमें घर के मुखिया के कमरे के हाइड्रोलिक पलंग में रुपये रखे थे। डकैत घर में और घर के मुखिया के कमरे में घुसे। दरवाजा खुला नहीं तो उसे तोड़ा दिया। कमरे के अंदर पहुंचकर हाइड्रोलिक पलंग में बैग में रखे रुपये निकाले। बाद कमरे में रखी एक और लोहे की अलमारी खोलने की कोशिश हुई,लेकिन वह खुली नहीं उसे तोड़ने की भी कोशिश की गई। सारा लूटा सामान बोरियां में भरकर ले गए।

बदमाशों ने हथौड़े से नौकर दंपती के सिर फोड़े

डकैतों में घर में घुसने के बाद घर के नौकर मूलत: सतना निवासी 48 वर्षीय धर्मेंद्र परिहार और उसकी 42 वर्षीय पत्नी सुमन परिहार के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। जब धर्मेंद्र परिहार ने विरोध किया तो डकैतों ने उस पर हथौड़े से हमला कर दिया। आरोपियों ने उसे और उसकी पत्नी सुमन पर हथौड़े से वार किए। इससे उसके सिर से खून निकलने लगा। बाद में दोनों को नीचे के कमरे में बंद कर दिया। इस डकैती में पुलिस ने नौकर धर्मेंद्र परिहार को ही फरियादी बनाया और उसकी शिकायत पर आइपीसी 397 डकैती की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।

शक हो न हो तो नाबालिग ने खुद को पिटवाया

एएसीपी अंजली रघुवंशी ने बताया कि नाबालिग नौकर पर किसी को शंका नहीं हो, इसके लिए डकैतों से नाबालिग नौकर ने खुद को पिटवाया और खुद को नीचे के बगल के कमरे में बंद करा लिया था। इससे उस पर किसी को शंका नहीं हो। इस पूरी साजिश में नाबालिग का चचेरा भाई लक्ष्मण सिंह भी शामिल है। वह पहले रेलवे में संविदा पर था, वहां से निकालने के बाद वह वह पीड़‍ित परिवार में ड्राइवरी की नौकरी कर रहा था।

बहन के बर्थडे का डिनर करने जहांनुमा रिट्रीट में गए थे

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शाहपुरा सी सेक्टर निवासी 59 वर्षीय ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह अपनी अपनी पत्नी सविता सिंह, बेटी डाॅ अंशुल और दूसरी बेटी प्रियंल के साथ जहांनुगमा रिट्रीट में खाना खाने गए थे। उनकी छोटी बेटी प्रियंल का जन्मदिन सात अप्रैल को था। अमूमन हर साल उनका परिवार जन्मदिन पर केक काटने के बाद दूसरे दिन घर के सभी परिजन खाना खाने के लिए बाहर जाते हैं। घर के नौकरों के लिए बाहर से खाने का आर्डर किया जाता है। यह नाबालिग नौकर को मालूम था। हम सोमवार रात में जब खाना खाने जा रहे थे तो नाबालिग नौकर उनकी सारी हरकत को देख रहा था। वे लोग घर से करीब साढ़े नौ बजे पौने दस के बीच घर से निकले हाेंगे और रात में साढ़े ग्यारह बजे तक वापस आ गए थे। आने के बाद उनको हैरानी हुई कि उनके विदेशी नस्ल के दोनों गोल्डन रिटीवर श्वान भौंके नहीं। अंदर देखा तो ज्ञानेंद्र प्रताप के कमरे का दरवाजा टूटा पड़ा था और कमरे का पूरा सामान फैला हुआ था। बाद में जब नौकर धमेंद्र और उसकी पत्नी सुमन को आवाज लगाई तो वह नीचे के कमरे में खून में लथपथ था।