उज्जैन / लोटी स्कूल परिसर में स्थित 45 साल पुरानी लगभग 36 फीट चौड़ी और 150 फीट ऊंची फ्लोर मिल की चिमनी को 22 किलो बारूद लगाकर उड़ा दिया गया। इस काम के लिए देश के जाने-माने विस्फोटक विशेषज्ञ शरद सरवटे को बुलाया गया था, जिनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

शरद सरवटे ने बताया कि चिमनी को ध्वस्त करने के लिए करीब 22 किलोग्राम बारूद और 150 से अधिक होल बनाए गए थे। चिमनी को इस तरह से ब्लास्ट किया गया कि उसका मलबा केवल मैदान में ही गिरे।

सुबह करीब 8 बजे चिमनी गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई। 8 लोगों की टीम द्वारा ड्रिलिंग का काम किया गया। जेसीबी मशीन की सहायता से चिमनी के निचले हिस्से का एक बड़ा हिस्सा खाली किया गया, ताकि विस्फोट के दौरान संतुलन पूरी तरह नियंत्रित रहे।लोटी कॉलेज के पास स्थित यह चिमनी पूर्व में संचालित मिल की है। यह चिमनी काफी पुरानी होने के कारण जर्जर अवस्था में था और दुर्घटना का कारण बन सकती थी। इसी को देखते हुए शनिवार को नगर निगम द्वारा ब्लास्टिंग एक्सपर्ट शरद सरवटे, नगर निगम के अधीक्षण यंत्री संतोष गुप्ता, कार्यपालन यंत्री लक्ष्मण प्रसाद साहू, उपयंत्री मुकुल मेश्राम और पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में चिमनी गिराने की कार्रवाई की गई।

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