उज्जैन। शहर की सड़कों पर एक बार फिर पटाखा साइलेंसर वाली बुलेटों का आतंक लौट आया है। जिन आवाजों से कभी पूरा शहर कांप उठता था, वे अब फिर गूंजने लगी हैं।
रात ढलते ही हर गली-मोहल्ले और मुख्य मार्गों पर धड़-धड़, पट-पट की आवाजें सुनाई देती हैं। , जिनमें युवा तेज रफ्तार में बुलेट दौड़ाते और धमाके जैसी आवाजें निकालते दिख रहे हैं। फ्रीगंज, सांवेर रोड, देवास रोड नानाखेड़ा, इंदौर रोड सहित आरटीओ की तरफ अधिकतर यह पटाखा साइलेंसर वाली बुलेट सड़क पर दौड़ती हुई दिखाई दे रही है। कई युवक अपनी गर्लफ्रेंड या दोस्तों को साथ बैठाकर सड़कों पर टशन दिखाते नजर आते हैं, जैसे शहर उनकी रेस ट्रैक बन गया हो। कुछ महीने पहले तक पुलिस की सख्ती से इस आवाजों पर रोक लग गई थी दो माह पहले तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के निर्देश पर शहर भर में मोडिफाइड साइलेंसरों के खिलाफ अभियान चला था। उस दौरान सैकड़ों चालान काटे गाएं, कई बुलेट जब्त की गई तथा पटपट की आवाजे निकालने वाले जप्त साइलेंसरों को पुलिस ने रोड रोलर से नष्ट किया था।और कुछ समय के लिए शहर की सड़कों से यह धमाकेदार आवाजें गायब हो गई थीं, लेकिन अक्टूबर के बाद से हालात फिर पुराने जैसे हो गए हैं। अब जगह-जगह बिना नंबर प्लेट की बुलेटें तेज रफ्तार में दौड़ रही हैं और किसी को रोकने वाला नजर नहीं आता। सबसे हैरानी की बात यह है कि ये बुलेटें उन्हीं रास्तों से निकलती हैं जहां पुलिस चौकियां मौजूद हैं। शहर के मुख्य चौराहों से गुजरते वक्त भी इन बाइकों की तेज आवाजें लोगों के कान फाड़ देती हैं। बुजुर्ग, बच्चे और मरीज इन आवाजों से परेशान हैं।
सूत्रों के अनुसार कई लोगों ने शिकायत की है कि रात में अचानक ऐसे धमाके सुनाई देते हैं जैसे कोई पटाखा या गोली चल गई हो। बच्चे डर जाते हैं, बुजुर्ग चौक जाते हैं और मरीजों की नींद उड़ जाती है। इन बुलेटों से निकलने वाली तेज आवाजों से शहर में ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ रहा है। कई चालक जानबूझकर साइलेंसर को फुल बॉटल पर चलाते हैं ताकि लोग चौंके और उनकी ओर ध्यान दें।
पटाखा साइलेंसरों पर अब कार्रवाई ठंडी पड़ी
प्रशासन ने जहां हेलमेट और ट्रैफिक चालान को लेकर तो सख्ती दिखाई है, वहीं पटाखा साइलेंसरों पर अब कार्रवाई नगण्य दिख रही है। गौरतलब है कि पिछले साल चला यह अभियान शहर में मिसाल बन गया था। लोगों ने पुलिस की सख्ती की तारीफ की थी। लेकिन अब वहीं अभियान ठंडे बस्ते में चला गया है। पुलिस का ध्यान अब अन्य मामलों की और ज्यादा है और इन बुलेट सवारों ने मौके का फायदा उठाकर फिर सड़कों पर कब्जा जमा लिया है। लोगों का कहना है कि अब वक्त आ गया है जब पुलिस को फिर सिंघम मोड लौटना चाहिए। ऐसे चालकों पर दोबारा सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो अपनी बुलेटों से शहर की शांति को भंग कर रहे हैं।
