April 29, 2024
दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन। कोरोना के समय लॉकडाउन के दौरान कई बुजुर्ग घर पर अकेले थे और उनके बच्चे बाहर नौकरी करने गए थे ऐसे में बुजुर्ग घर पर अकेले थे और उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था। लेकिन उज्जैन पुलिस ने एक नहीं पहल की है। जिसमें ऐसे बुजुर्ग जिनके बेटे बेटी बाहर नौकरी करते हैं और वह उज्जैन में अकेले रहते हो अकेले रहने वाले बुजुर्गों का अब उज्जैन पुलिस ध्यान रखेगी। हर थाना क्षेत्र में ऐसे बेसहारा बुजुर्गों की तलाश कर पुलिस उनकी सूची बनाकर पुलिस इनकी सुरक्षा के साथ अन्य जरूरतों को भी पूरा करने का हर संभव प्रयास करेगीi उल्लेखनीय यह हैं कि शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 45 हजार से ज्यादा बुजुर्ग है, लेकिन इनमें कितने अकेले रहते हैं, इसका रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है लेकिन अब पुलिस ऐसे बुजुर्गों की सूची तैयार कर रही है। आईजी संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर हर थाना क्षेत्र में ऐसे बुजुर्गों की सूची बनाकर तैयार की जा रही है। इसके साथ ही इन बुजुर्गों को पुलिस एक व्हाट्स ग्रुप से जोड़ेगी, ताकि एक कॉल या मैसेज पर पुलिस तत्काल पहुँच सके। इसके अलावा थाने के बीट कांस्टेबलों के पास थाना क्षेत्र के हर बुजुर्ग का नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर संग्रहित होगा। वे थाना क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों पर या कहीं भी इन बेसहारा बुजुर्गों की मदद को हर समय तैयार रहेंगे।। अंतर्गत वह स्वयं थानों से ब्योरा मंगाएँगे, फिर बुजुर्गों से संपर्क करेंगे। जाहिर है कि यह व्यवस्था लागू करने के पीछे उनका उद्देश्य यह है कि ऐसे बुजुर्गों को अकेले देखकर कोई व्यक्ति उनके साथ आपराधिक या अप्रिय घटना करने का प्रयास नहीं करें। ऐसे में पुलिस की आमजन से अपील है कि वे एक अच्छे नागरिक की भांति अपने आसपास रहने वाले बुजुर्गों की जानकारी संबंधित थाना पुलिस तक पहुँचाए, ताकि पुलिस ज्यादा से ज्यादा बुजुर्गों की जानकारी जुटा सके।