जिला स्तरीय मध्यप्रदेश गो रक्षा संगठन की बैठक, संगठन मे हुई नई नियुक्तियां

मनावर। सरदारपुर तहसील की खूॅटपाला मे स्थित गोपाल कृष्ण गौशाला में मध्यप्रदेश गो रक्षा संगठन की बैठक आयोजित हुई। जिसमें धार जिले की गौशालाओं के संचालकों की उपस्थिति में खुटपाला गौशाला में बैठक आयोजित कर मध्यप्रदेश गौ रक्षा संगठन का पुनर्गठन पर आयोजित बैठक में गो रक्षा सेवा समिति के संरक्षण माननीय नरेश जी राज पुरोहित जी ने बैठक के दौरान सभी गो शाला संचालको को बताया कि धर्म के कार्य मे रोडे तो आएंगे लेकिन पीछे हटने का नहीं है। दुनिया कुछ भी कहे हमें तन, मन,धन से सेवा का संकल्प ले क़र गो माता को बचाना है।

महामंडलेश्वर श्री नरसिंह दास जी महाराज ने बताया कि अभी तक सिर्फ गो शाला हीं संचालित होती आई है। अब मध्य प्रदेश कि पहली नंदी शाला-धार जिले मे 250 बीघे जमीन मे बनकर तैयार हो गई है।वहाँ अब नंदी भी विचरण करेंगे ।पर्यावरणविद अमृत लाल जी पाटीदार गाजनोद ने एक अभियान के तहत सभी को जागरूक करने के लिये यह बताया कि 1 रुपया रोज एकत्रित करके कि गो माता कि सेवा मे सहयोग दे सकते है।सेवा और समर्पण भाव से गो माता को बचाना है। आगे संरक्षक रघुवंशी जी ने बताया कि गो माता अगर रोड़ पर कही विचरण करती दिखे तो उसे आवारा शब्दो से न पुकारे क्योंकि आवारा गो माता नहीं आवारा वह मालिक है जिसने दूध निचोड़ क़र गो माता को खुले मे छोड़ दिया। उदबोधन के पश्चात पदाधिकारियों की घोषणा की गई जिसमें संरक्षक महंत नरसिंह दासजी महाराज, अशोकसिंह रघुवंशी,नरेश राजपुरोहित,किशोरनाथ गोगा देव,अध्यक्ष रामचन्द्र मारु,खुटपला,उपाध्यक्ष मनोज चौहान बिडबाल,शंकरलाल मारु बरमंडल,भगवान खंडेलवाल अमझेरा,संगठन महामंत्री शैलेष पवार लुहारी (कुक्षी,विजय कुमार पाटीदार बिछिया,मेहरवान सिहं पंचमुखी,अमृत पाटीदार गाजनोद,सचिव यशवंत दुबे बरमंडल सहसचिव राधेश्याम धाकड़ राजोद कोषाध्यक्ष नितेष मारु फूलगांवड़ी,मनावर से जितेन्द्र सोनी, अशोक हम्मड, जगदीश पाटीदार,लक्ष्मण मुकाती, राहुल महाजन कार्यकारिणी सदस्य जिले की पंजीकृत गौशाला के अध्यक्ष एवं सचिव कार्यकारिणी के सक्रिय सदस्य रहेंगे।मिडिया प्रभारी गोपाल रावडीया बरमंडल,सह मिडिया प्रभारी, रमेश मारु भोपावर को नियुक्त किया गया है। संगठन का कार्य धार जिले में गौशालाओं को स्वावलंबन बनाने हेतु कार्य करने के लिए विशेष रूप से गौशालाओं को प्रेरित करेगा जैसे गोबर के द्वारा लकड़ी ,गौमूत्र से फिनायल ,साबुन, धूपबत्ती आदि का उत्पादन करते हुए गौशाला प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ साथ पर्यावरण प्रकृति की रक्षा के लिए आगे कार्य करेगा गौशालाओं में व्यापक रूप से पौधे लगाकर उन्हें बड़ा करने का कार्य भी संगठन के द्वारा सदस्यों को करना रहेगा।

रिपोर्ट कौशिक पंडित