April 26, 2024

इंदौर। भारत जोड़ो यात्रा भारत समझो यात्रा भी बन गई है। यात्रा के दौरान लगभग हर दिन राहुल गांधी 20-25 लोगों से मिल रहे हैं। मप्र में उन्होंने आधा दर्जन से अधिक जनसमूहों से बात की। इनमें बुरहानपुर के केला उत्पादकों से लेकर पीथमपुर के लघु व मध्यम उद्योगपति तक शामिल हैं। इन्हीं मुलाकातों से यात्रा के आगे के मुद्दे तय हो रहे हैं। इनमें से कुछ समूह उनकी टीम ने चुने हैं तो कुछ स्थानीय नेताओं के सुझाव पर बुलाए जा रहे हैं। अधिकतर समूहों में 20 से ज्यादा लोग नहीं होते हैं।

बुरहानपुर में हुई केला उत्पादक किसानों से उनकी मुलाकात में मप्र के किसानों की समस्याओं पर बात की। बुरहानपुर के पावरलूम व टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को भी बुलाया गया। इनके साथ भी 30-35 मिनट का संवाद हुआ। यहां तक कि सिलकाेसिस प्रभावित लोगों से भी उनकी मुलाकात कराई गई, जिसमें राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव की भूमिका रही। बरगी बांध विस्थापिताें से चर्चा में लोगों ने विस्थापन की विसंगतियां उजागर की। साथ ही चुटका परमाणु परियोजना को रद्द किए जाने की मांग उठाई। इन सबका मकसद यह समझना है कि आखिर जमीन पर क्या चल रहा है।
उद्योगपतियों से पूछा 5 स्लैब क्यों बनाए जीएसटी में- पीथमपुर के लघु एवं मध्यम उद्योगों के साथ बैठक में राहुल ने पूछा कि जीएसटी में पांच स्लैब क्यों बनाए गए हैं। सबने अलग-अलग जवाब दिए। राहुल बोले, ये इसलिए ताकि आप इसी में उलझ कर व्यापार से बाहर हो जाओ। देश के कारोबार पर चुनिंदा लोगों का कब्जा हो जाए।

इन समूहों से हुई मुलाकात

23 नवंबर बुरहानपुर- केला उत्पादक एवं पॉवरलूम वर्कर्स से मिले।
25 नंवबर भानबरड़ खरगोन– बरगी बांध के विस्थापित परिवारों से मुलाकात
26 नवंबर मनिहार खरगोन- पीथमपुर के लघु व मध्यम उद्योगों के संचालक, महेश्वर के बुनकर समूह से।
इनके अलावा पूर्व कर्मचारी, विभिन्न आदिवासी संगठनों के पदाधिकारी, संपूर्ण किसान मोर्चा के पदाधिकारी, घरेलू कर्मचारी, एकता परिषद के पदाधिकारियों से मुलाकात की। इंदौर के वरिष्ठ वकीलों को भी शनिवार शाम महू बुलाया गया था, लेकिन बात नहीं हो पाई।

व्यक्तिगत मुलाकातें भी जारी

व्यक्तिगत मुलाकातें भी जारी हैं। इनमें आईआईटी के प्रो. वीएन त्रिपाठी, हर्ष मंदर, डॉ. नीरज चांदोरकर, लेखक अर्पिता चटर्जी, मुंबई के जमदेशजी व देलारा जीजीभोय तथा हर्ष और सोनल शाह आदि शामिल हैं।