Gesu Polytechnic के 120 छात्र हॉस्टल से निकाले गए: छात्रों में आक्रोश, कॉलेज प्रबंधन पर लगाया मनमानी का आरोप
उज्जैन |
उज्जैन के Gesu Polytechnic Institute में पढ़ने वाले लगभग 120 छात्रों को अचानक हॉस्टल से बेदखल कर दिया गया, जिससे छात्रों में भारी नाराजगी और असमंजस का माहौल बन गया है। हॉस्टल से निकाले गए छात्रों का आरोप है कि प्रबंधन ने बिना पूर्व सूचना के उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
🔹 रातों-रात निकाले गए छात्र
छात्रों ने बताया कि बुधवार देर रात उन्हें नोटिस थमाया गया और अगले ही दिन सुबह तक हॉस्टल खाली करने को कहा गया। कई छात्र दूसरे जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जिनके पास ठहरने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। कुछ छात्र तो खुले आसमान के नीचे अपने सामान के साथ बैठे नज़र आए।
🔹 क्या है प्रबंधन का पक्ष?
कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यह कार्रवाई अनुशासनहीनता और हॉस्टल नियमों के उल्लंघन के चलते की गई। प्रबंधन के अनुसार, छात्रों को पहले ही कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन बार-बार नियम तोड़े जाने पर यह कदम उठाना पड़ा।
“कॉलेज की छवि और अन्य छात्रों की सुरक्षा के मद्देनज़र यह जरूरी था,”
– हॉस्टल वार्डन का बयान।
🔹 छात्रों ने लगाया मनमानी का आरोप
छात्रों का कहना है कि हॉस्टल की व्यवस्थाएं पहले से ही खराब थीं। कई बार शिकायतों के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, उल्टा छात्रों पर ही कार्रवाई की जा रही है।
“हमें ना चेतावनी दी गई, ना कोई सुनवाई हुई। सीधे हॉस्टल खाली करने को कहा गया,”
– एक छात्र ने कहा।
🔹 छात्र संघ का विरोध, प्रशासन से की शिकायत
घटना की जानकारी मिलते ही छात्र संघ ने विरोध जताया और जिला प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि अगर छात्रों को वापस नहीं लिया गया तो कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन होगा।
🔹 जिला प्रशासन ने मांगी रिपोर्ट
मामला तूल पकड़ता देख उज्जैन जिला प्रशासन ने कॉलेज प्रबंधन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और छात्रों की समस्याएं सुनने के लिए एक बैठक बुलाई है।
👉 यह मामला सिर्फ अनुशासन का नहीं, बल्कि छात्रों की बुनियादी ज़रूरतों और अधिकारों से जुड़ा हुआ है। आने वाले दिनों में प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन की भूमिका पर नजर रहेगी कि छात्रों के हित में कितना संवेदनशील कदम उठाया जाता है।
