सारंगपुर। पाडल्यामाता गांव में बंदरों के आतंक से ग्रामीण दहशत में है। इन दिनों बंदरों का आतंक इतना बढ चुका है कि बंदर घरों में घुसकर सामान ले जा रहे हैं, छतों पर सुखाने रखे अनाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बंदरों के कारण आर्थिक नुकसान हो रहा है बंदर खेतों में फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, घरों से खाने-पीने का सामान और कपडे छीनकर फाड देते हैं, यहां तक कि हाथों से मोबाइल फोन भी छीनकर ले जाते हैं। सडक क्रॉसिंग में अचानक बंदरों के आने से बहुत बार बाइक से गिरकर लोग चोटिल भी हुए हैं। कच्चे घरों की खपरैल और छतें भी बंदरों द्वारा क्षतिग्रस्त की जा रही हैं, जिससे बारिश के मौसम में समस्या और बढ जाती है। बंदर बडी संख्या में झुंड के झुंड बनाकर आते हैं जिससे बच्चों में डर का माहौल है बंदरों को भगाने पर वह दांत दिखाकर हमला कर देते हैं। बहुत बार ग्रामीण बंदरों को भगाने में चोटिल हो चुके हैं। यहां तक कि कुछ लोगों के छत से गिरकर हाथ पैर फैक्चर तक हो गए हैं। बंदरों का आतंक एक गंभीर समस्या बन गया है। ग्रामीण लोगों द्वारा बहुत बार बंदरों के आतंक से प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन परिणाम शून्य रहा प्रशासन की इस अनदेखी से लोग आक्रोशित हैं और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण लोगों द्वारा वन विभाग जिला राजगढ के आला अधिकारियों को आवेदन देकर मांग हैं कि बंदरों को पकडकर आबादी वाले क्षेत्रों से दूर जंगलों में छोडा जाए जिससे ग्रामीण जान माल की हानि से सुरक्षित रहें। 8
पाडल्यामाता में बंदरों का आतंक बच्चों में डर का माहौल
