खाचरोद में चोरों का आतंक:
दो रातों में 16 खंभों के तार चोरी, खेतों की सिंचाई व्यवस्था ठप
📍 स्थान: खाचरोद, उज्जैन जिला
🔴 बिजली तार चोरों का गिरोह सक्रिय
खाचरोद विद्युत वितरण केंद्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों अज्ञात चोरों द्वारा बिजली की हाई टेंशन लाइनों के तार चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। बीते दो रातों में ही खाचरोद से बड़लिया तक की 11 केवी लाइन के कुल 16 खंभों से तार काटकर ले जाए गए।
इन चोरी की घटनाओं से गांवों की सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है, जिससे किसानों में भारी रोष है।
💬 किसानों ने जताया गुस्सा
खाचरोद और बड़लिया गांव के किसानों ने जेई आलोक नाथ सिंह को लिखित शिकायत सौंपी है।
किसानों का कहना है कि:
“यह लाइन हमारे खेतों के पंपों को चलाने के लिए है। अब बिजली नहीं है, तो खेत सूख रहे हैं। पहले भी तार चोरी हुई थी, लेकिन विभाग सिर्फ FIR करके चुप हो गया।”
प्रभावित किसान: चुन्नीलाल जाट, संजय जाट, दीपक जाट, राम सिंह मालवीय
📍 तार चोरी की घटनाएं लगातार
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खाचरोद से रोलागांव तक पहले भी 5 किमी लाइन के तार चोरी हो चुके हैं।
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नोमानिया, मनीरामपुर तालाब, बरखेड़ी और झिकड़ी गांवों में भी इसी तरह की चोरी हो चुकी है।
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चोर पूरी लाइन को व्यवस्थित तरीके से काटकर ले जाते हैं, जिससे संदेह है कि कोई संगठित गिरोह इस काम में शामिल है।
👮 प्रशासन की प्रतिक्रिया
जेई आलोक नाथ सिंह का बयान:
“पहले भी छापर में तार चोरी हुई थी, जिसकी FIR दर्ज कराई गई थी। अब खाचरोद और बड़लिया की शिकायतें भी मिल गई हैं। रिपोर्ट बनाकर कार्रवाई की जाएगी।”
हालांकि किसानों का कहना है कि सिर्फ रिपोर्ट से कोई समाधान नहीं होगा।
ग्रामीणों की मांग:
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नियमित पेट्रोलिंग की जाए
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खंभों पर कैमरा या चोर रोधी सिस्टम लगाया जाए
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जल्द से जल्द तारों की मरम्मत कर बिजली बहाल की जाए
🧑🌾 संकट में खरीफ की फसल
खास बात यह है कि इस समय खरीफ फसल का मौसम चल रहा है, और लगातार बारिश नहीं होने के कारण अधिकांश किसान पंप से सिंचाई पर निर्भर हैं। ऐसे में बिजली सप्लाई ठप होने से खेतों में बोवनी के बाद की सिंचाई नहीं हो पा रही है।
यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो फसल बर्बाद होने का खतरा है।
🔎 क्या कहती है स्थानीय जनता?
“एक तरफ सरकार सिंचाई सुविधा देने की बात करती है और दूसरी तरफ तार चोरी से हम अंधेरे में रह जाते हैं। अगर यही हाल रहा तो खेती छोड़नी पड़ेगी।”
— दीपक जाट, किसान
“हम खुद रात में खेतों की रखवाली करते हैं, लेकिन ये चोर बड़ी प्लानिंग से आते हैं। बिजली विभाग को हर रात पेट्रोलिंग करनी चाहिए।”
— राम सिंह मालवीय, ग्रामीण
📣 सवाल उठता है:
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क्या विद्युत विभाग सिर्फ FIR पर भरोसा करता रहेगा?
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क्या गांवों की सुरक्षा अब किसानों को खुद करनी पड़ेगी?
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सिंचाई प्रभावित होने से उत्पादन और अन्न सुरक्षा पर क्या असर होगा?
📌 फिलहाल स्थिति:
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तार गायब, बिजली बंद
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खेत सूखे, किसान परेशान
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कार्रवाई अधूरी, समाधान दूर
