May 1, 2024

सब्जी का ठेला लगाने के साथ रोजाना प्रेक्टिस, कुश्ती में कई अवार्ड पाए; शासन से मदद की गुहार

ब्रह्मास्त्र इंदौर। सब्जी का ठेला लगाकर जीवन-यापन करने वाला मूक-बधिर युवक राज वर्मा (24) मई में ब्राजील में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मूक-बधिर ओलंपिक में कुश्ती के जौहर दिखाएगा। राज इसके पूर्व जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर कई अवार्ड-पदक हासिल कर चुका है। राज के साथ परेशानी यह है कि माता-पिता के निधन के बाद परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है। परिवार ने शासन से आर्थिक मदद की अपील की है।
शिवाजी नगर, मालवा मिल में छोटी से बस्ती में रहने वाला राज बचपन से ही मूक-बधिर है। परिवार में छोटा भाई अमन भी मूक-बधिर है। एक बड़ा भाई ऋषभ भी है। मां संगीता व पिता कमल वर्मा पहले सब्जी का ठेला लगाकर जीवन-यापन करते थे। तब राज भी उनके साथ व्यवसाय संभालने के साथ पढ़ाई भी कर रहा था। इस बीच मां की 2016 में व फिर 2020 में पिता की भी मौत हो गई। इसके बाद राज ने ही सब्जी का धंधा संभाला। तीन महीने पहले नगर निगम द्वारा मालवा मिल सब्जी मंडी हटाने के उसके सामने अब आजीविका का संकट हो गया है।

हॉकी के बाद कुश्ती में दिखाई रुचि

भाभी ममता ने बताया कि राज को पहले हॉकी का शौक था, लेकिन ताऊ बंडू पहलवान कुश्ती के चैम्पियन थे। इसके चलते उसके मन में भी कुश्ती के प्रति रुचि जागी और हॉकी छोड़कर 12 साल की उम्र से ही प्रैक्टिस करने लगा। इस दौरान उसने कई अवार्ड हासिल किए।
राज इसके लिए काफी समय से गोमतीदेवी व्यायामशाला में प्रैक्टिस कर रहा है। उसने अभी तक राष्ट्रीय शालेय कुश्ती स्पर्धा में कांस्य पदक, 50 किलोग्राम वजन समूह में तीन राष्ट्रीय पदक जीते जिसमें एक स्वर्ण पदक है। ऐसे ही जिला व राज्य स्पर्धा में 7 पदक हासिल किए हैं।

व्यायामशाला की ओर से मदद

कई दिनों से परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण राज की डाइट में गोमतीदेवी व्यायामशाला द्वारा सहयोग के रूप में देशी घी व बादाम उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस साल ब्राजील में आयोजित ओलंपिक में वह 55 किलो ग्राम स्पर्धा में भाग लेगा। इसके लिए वह 5 अप्रैल को दिल्ली के लिए रवाना होगा। वहां एक महीने अन्य पहलवानों के साथ उसे भी स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद 5 मई को वह टीम के साथ ब्राजील रवाना हो जाएगा।

ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों?

भाभी ममता ने बताया कि टीम में जो अन्य पहलवान (दूसरे राज्य के) उन्हें सरकार की ओर से 1-1 लाख रु. की मदद दी गई है। सरकार अगर राज को भी आर्थिक मदद करे ताकि उसकी अच्छी खुराक बने रहे।