मकान की छत का दरवाजा तोड़कर चोरी किये थे 1.96 लाख रूपये -48 घंटे में नाबालिग के साथ हिरासत में आये 2 बदमाश

दैनिक अवन्तिका ब्रह्मास्त्र
उज्जैन। मुस्लिम टोपी बेचने का कारोबार करने वाले परिवार के मकान में हुई 1.96 लाख नगद चोरी के मामले में 48 घंटे बाद पुलिस ने नाबालिग के साथ 2 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों 48 हजार रूपये खर्च कर दिये थे। पुलिस ने 1.12 लाख रूपये बरामद कर 2 बदमाशों को बुधवार दोपहर न्यायालय में पेश कर एक दिन की रिमांड पर लिया है।
वीर दुर्गादास मार्ग जूना सोमवारिया में रहने वाला अब्दुल हफीज मुस्लिम टोपी बेचने का कारोबार करता है। जो परिवार के साथ शहर से बाहर गया था। 21 अप्रैल को जब घर लौटा और दरवाजा खोला तो अंदर सामान अस्त-व्यस्त दिखाई दिया। अलमारी में रखे 1.96 लाख रूपये नगद नहीं थे। बिना ताला टूटे रूपये चोरी होने पर उन्होने मामले की शिकायत जीवाजीगंज थाने पहुंचकर की। पुलिस जांच के लिये पहुंची तो सामने आया कि छत पर लगे टॉवर के दरवाजे का नुकचा टूटा हुआ है, बदमाश छत के रास्ते आये थे। मामले में चोरी करने वालों का पता लगाने के प्रयास शुरू किये गये और पूर्व में चोरी में शामिल रह चुके क्षेत्र के बदमाशों से पूछताछ की गई। 48 घंटे बाद जानकारी सामने आई कि चोरी में शादाब खलीफा शामिल हो सकता है। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया, जिसने सख्ती के आगे अपने साथी साबिर अली उर्फ छोटू निवासी जूना सोमवारिया और एक नाबालिग साथी के साथ चोरी करना बता दिया। पुलिस ने उसके दोनों साथियों को हिरासत में लिया और उनकी निशानदेही पर घरों में छुपाकर रखे 1.12 लाख रूपये बरामद कर लिये। तीनों को बुधवार दोपहर न्यायालय में पेश किया। जहां से नाबालिग को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया। शादाब और साबिर को रिमांड पर लिया गया है।
शादाब पर पूर्व में दर्ज है चोरी का प्रकरण
जीवाजीगंज टीआई नरेन्द्र बहादूरसिंह परिहार ने बताया कि तीनों आरोपी फरियादी के घर से एक मकान छोड़कर रहते है। जिसके चलते उन्होने पड़ोसी की छत कूदकर अब्दुल हाफिज की छत तक पहुंचे थे। रात्रि में टॉवर का दरवाजा तोड़कर घर में घुसे थे। शादाब के खिलाफ पूर्व में महाकाल थाने में चोरी का प्रकरण दर्ज होना सामने आया है। रिमांड पर उससे अन्य वारदातों के संबंध में पूछताछ की जा रही है। साबिर का अपराधिक रिकार्ड देख जा रहा है। तीनों को 48 घंटे में गिरफ्तार करने में एसआई सुरेशचंद्र देवड़ा, प्रधान आरक्षक सर्वेशसिंह भदौरिया, हरिसिंह राठौर, आरक्षक दीपांशु पिलोदिया की भूमिका रही।