इंदौर में कोर्ट में चल रहा था मामला फिर भी तोड़ दी विधवा की दुकान

 

अब प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की गुहार, कलेक्टर से भी मांगी मदद

इंदौर। पिछले दिनों नगर निगम ने एक विधवा महिला की सिलाई की दुकान पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। खास बात यह कि उक्त मामला कोर्ट में विचाराधीन था। निगम अधिकारियों का कहना है कि जनसुनवाई में शिकायत आई थी जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। पीड़ित महिला का कहना है कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन था तो निगम ने कार्रवाई कैसे कर दी।
दूसरा यह कि उक्त क्षेत्र में इस तरह की 2 हजार से ज्यादा दुकानें हैं,लेकिन निगम का बुलडोजर नहीं चला। अब महिला ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी को मामले से अवगत कराते हुए गुहार की है कि सिलाई दुकान ही मेरी कमाई का माध्यम था अब दो बच्चों को कैसी पालूंगी? उसने परिवार को न्याय दिलाने व मदद करने की गुहार की है।
मामला कल्याणी पति पति नेमीशरण पटेल निवासी सीएम-2, 329 सुखलिया, दीनदयाल उपाध्याय नगर का है। 27 जुलाई की सुबह नगर निगम ने पुलिस टीम के साथ आकर यहां बनी उसकी दो दुकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके पूर्व निगम ने 17 जुलाई और 26 जुलाई को नोटिस जारी किए थे कि आपने अवैध निर्माण कर रखा है जिसके लेकर सुबह कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद दुकान पर बुलडोजर चला दिया। कल्याणी के परिवार ने 2018 में अपने घर की आगे की जगह (एमओएस) पर दो दुकानें बनाई थी जिसमें ससुर गोपीकिशन पटेल (68) और पति सिलाई की दुकान संचालित करते थे। इस बीच 2021 में कल्याणी के पति नेमीशरण की कोरोना से मौत हो गई जबकि ससुर बुजुर्ग होने से परिवार की जिम्मेदारी कल्याणी पर आ गई।
करीब ढाई साल के कोरोना काल में उन्होंने तंगी में दिन गुजारे और पिछले साल से फिर से अपनी सिलाई की दुकान शुरू की थी। परिवार का कहना है कि पहली मंजिल पर रहने वाले पड़ोसी रेणु पति अशोक शाह ने हमें कहा कि आप दुकान पर पक्की छत बना लो लेकिन कल्याणी की गुंजाइश नहीं थी तो उसने मना कर दिया। इसके बाद पड़ोसी लगातार दबाव बनाते रहे।
कल्याणी का आरोप है कि वे फिर से परिवार पर दबाव बनाने लगे। उन्होंने यह आरोप लगाना शुरू कर दिया कि ये दुकानें अवैध बनी हैं जबकि उक्त क्षेत्र में ऐसी 2 हजार दुकानें निर्मित होकर संचालित हो रही हैं। मामला तत्कालीन निगम कमिश्नर आशीषसिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने जोनल अधिकारी को निर्देशित किया कि जब क्षेत्र में एमओएस पर अन्य दुकानें संचालित हो रही हैं तो ऐसा भेदभाव क्यों, इसके साथ ही निष्पक्ष जांच के लिए लिखा लेकिन निगम ने जांच नहीं की।
इसके बाद मार्च में पड़ोसी शाह ने नगर निगम को कई बार इस अवैध निर्माण को लेकर शिकायतें की। इस पर कल्याणी व उनके ससुर गोपीकिशन ने कहा कि हम साथ में मिलकर छत बनाने को तैयार हैं लेकिन निगम ने नहीं सुनी। कल्याणी के परिवार ने सीएम हेल्प लाइन पर जोनल कार्यालय के अधिकारियों ने धमकाया कि आप सीएम हेल्प लाइन से अपनी शिकायत वापस लें। इसे लेकर खींचतान चलती रही लेकिन जब हल नहीं निकला तो पड़ोसी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई जिसमें दो बार सुनवाई हो चुकी है।

मलबे के बीच से घर में आना-जाना

दुकानें तोड़ने के बाद कल्याणी के परिवार की आय का जरिया खत्म हो गया है। घर के दरवाजे के बाहर मलबा इस तरह पड़ा है कि उसके ऊपर से परिवार को आना-जाना करना पड़ रहा है। बेबस कल्याणी ने सोशल मीडिया पर अपना दुख साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी गुहार की है कि वे क्षेत्र में ऐसी ही दो हजार दुकानें हैं तो मेरी दुकान को क्यों टारगेट किया गया।
उसने यह भी बताया कि कोरोना में पति की मौत के बाद प्रशासन ने मेरी मदद की थी तो मैंने यहां लेडिज टेलरिंग का काम शुरू किया लेकिन नगर निगम ने मेरा रोजगार छीन लिया। मेरे दो बच्चे कुशलचंद्र (12) तथा ऋषभचंद्र (3) हैं। इसके साथ ही बुजुर्ग सास-ससुर की जिम्मेदारी भी है। कृपया मेरी मदद करें, मुझे रोजगार उपलब्ध कराए।