भोजन को औषधि की तरह ग्रहण करना चाहिए – संत श्री ज्ञानानंद

मन्दसौर। नगर के खानपुरा स्थित श्री केशव सत्संग भवन में आयोजित धर्मसभा में कहा कि जब भी हम बीमार होते है तो डॉक्टर के पास जाते है और वो हमें दवा देता है दवा को हम जिस हिसाब से डॉक्टर कहता है उसी प्रकार से लेते है न ज्यादा न कम ठीक उसी प्रकार हमें भोजन भी औषधि की तरह की ग्रहण करना चाहिए न ज्यादा न कम। अधिक भोजन भी हमारे शरीर के लिए पीड़ादायक होता है कई लोग जब किसी जगह बुलावे पर जाते है तो खूब खाते है ऐसा नहीं होना चाहिए हमे हमारे शरीर की क्षमता के अनुकूल ही खाना ग्रहण करना चाहिए। शास्त्रों में भी यही लिखा है कि हमें अपने शरीर के हिसाब से ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। आपने कहा कि भोजन कैसा भी हो उसे प्रसन्न होकर ग्रहण करना चाहिए।