April 26, 2024

इंदौर। जीएसटी में होस्टल को कर मुक्त श्रेणी में रखा गया है। किराए पर दिए मकान का व्यावसायिक उपयोग होने पर जीएसटी लगेगा। टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन (टीपीए) के सेमिनार में वक्ताओं ने प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए हैरत जताई कि सरकार अस्पताल पर जीएसटी लगा रही है और होस्टल के कमरे के किराए को छूट दे रही है।
सेमिनार में सीए नवीन खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के समय मकान का किराया, अस्पताल की सेवाएं, एक हजार रुपये तक का होटल का कमरा पूरी तरह जीएसटी मुक्त थे। हालांकि, जुलाई 2022 में नोटिफिकेशन जारी कर बदलाव कर दिए गए। इसीलिए अब सभी पर विचार और व्याख्या करना जरूरी हो गया है। नए प्रावधानों के अनुसार रिहायशी मकान को जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यक्ति को किराए पर देने पर रिवर्स चार्ज के तहत भुगतान करना होगा। इसमें पहले भ्रांति थी।

अस्पताल के कमरे पर टैक्स लगाना गलत

अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि व्यावसायिक फर्म को व्यापार में उपयोग के लिए मकान दिया जाता है तो किराए पर जीएसटी देना होगा। यानी किसी रजिस्टर्ड व्यापारी द्वारा स्वयं के रहने को लिए गए मकान पर कोई जीएसटी देय नहीं होगा। अस्पताल के कमरे पर 5000 से ज्यादा के रूम चार्ज (आईसीयू छोड़कर) पर भी अब अस्पताल को पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा। यह अप्रत्यक्ष रूप से चिकित्सा सेवा पर कर लगाना है। किसी भी बीमार व्यक्ति का अस्पताल में जाने का उद्देश्य सिर्फ उपचार कराने का होता है। वह वहां रहने के उद्देश्य के साथ नहीं जाता है। ऐसे मामलों में प्रिंसिपल सप्लाई हेल्थ केयर होने के बावजूद रूम रेंट पर टैक्स लगाना गलत ही है।