ब्यावरा। संविधान निमार्ता डॉ भीमराव अंबेडकर ने देश को नई दिशा देने का कार्य किया है। वे समानता के प्रबल समर्थक थे और देश में समान नागरिक संहिता चाहते थे। उन्होंने देश मे जातिगत भेदभाव दूर करने के लिए जीवन भर संघर्ष किए। उनके संघर्ष के बारे में हम सब जानते है, लेकिन ऐसी परिस्तिथ होने के बाद भी भारत वर्ष को एकजुट रखने के लिए अभूतपूर्व कार्य किये। जब देश का बंटवारा हो रहा था तब उनका मत भारत निष्ठ रहा। यह बात स्थानीय अग्रवाल धर्मशाला में डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सामाजिक समरसता गोष्टि को संबोधित करते हुए आरएसएस के विभाग बौद्धिक प्रमुख रूपेश विश्वकर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि जब भारत का बंटवारा हुआ तब डॉ भीमराव अंबेडकर धार्मिक आधार पर हुए बंटवारे के खिलाफ थे।
गोष्ठी में सभी समाज के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए एवं बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर जी के प्रसंग बताकर उनके चरणों में विचारों के रूप में नमन किया। दीप प्रज्वलन कर पुष्प माला से पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। आयोजन में सभी समाज प्रमुख उपस्थित थे।