दलितों से किसी ने बात की तो 25000 रुपए जुर्माना

दबंगों ने किया दलितों का सामाजिक बहिष्कार

इंदौर। समीपस्थ धार जिले की पीथमपुर तहसील के ग्राम मांगरोद में शासकीय भूमि पर वर्षों से सर्वजाति के लोग मांगलिक कार्य करते आ रहे हैं।
आगामी 15 फरवरी को दलित परिवार में विवाह समारोह हेतु उक्त जगह मांगने पर मना कर दिया।
इस मामले की शिकायत दलितों ने थाना सागोर पुलिस को की । इस बात से नाराज होकर यहां गांव के दबंग लोगों ने पंचायत बुलाई और दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने की घोषणा की। दलित परिवारों का हुक्का पानी बंद कर दिया गया।
कई दिनो से गांव की शासकीय दुग्ध डेरी से दलितों को दूध नहीं देते।
किराने की दुकान से सामान नही देते। नाई ने बाल काटने से मना कर दिया । आटा चक्की पर आटा पीसने से मना कर दिया । गांव की पंचायत में उच्च वर्ग के लोगों ने आपस में तय किया कि यदि गांव में किसी ने दलितों से आर्थिक व्यवहार या बातचीत की तो 25000 रुपये जुर्माना लगेगा।
व्यथित दलितो ने अखिल भारतीय बलाई महासंघ की धार महिला जिला अध्यक्ष प्रेमलता पंवार के माध्यम से दलित नेता मनोज परमार को सूचना दी।
दलित समाज के लोग दलित नेता मनोज परमार के नेतृत्व में धार कलेक्टर कार्यालय पहुचे और जोरदार नारेबाजी की।
कलेक्टर की अनुपस्थिति में डिप्टी कलेक्टर नेहा शिवहरे ने ज्ञापन लिया।
मामले को बिगड़ता देख डिप्टी कलेक्टर ने मैदान सम्भाला और समझाईश देते हुए कार्यवाही का आश्वासन दिया। एडिशनल एसपी निलेश्वरी डाबर को ज्ञापन देते हुए शमशान विवाद में फरार आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की।
इस अवसर पर महेश मालवीय, सुभाष सोलंकी, चंदा मालवीय, रोहित आंजना, महेन्द्र सुनेल, दिलीप वर्मा, सचिन सिंदल, समर्थ सुनेल, लखन देपाले, आदित्य चौहान, लक्ष्मण खेड़े, दिनेश हिरवे आदि उपस्थित थे।