April 26, 2024

उज्जैन। हत्या जैसे जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों के लिये गणतंत्र दिवस सलाखों से आजादी का दिन बनकर आया है। आज होने वाले ध्वजारोहण के बाद 23 कैदी परिजनों से मिलेगें।
केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में प्रदेशभर के कैदियों को रखा जाता है। वर्ष में आनेवाले 2 राष्ट्रीय पर्वो पर अच्छा आचरण और नियमों का पालन करने वाले आजीवन कारावास की सजा में बंद कैदियों को रिहा किया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर केन्द्रीय जेल से आजीवन कारावास की सजा काट रहे 21 और 10 साल की सजा पूरी कर चुके 2 कैदियों की रिहाई की जाएगी। जेल प्रशासन ने रिहाई अनुशंसा शासन को भेजी थी। मंजूरी मिलने के बाद कैदियों में खुशी का माहौल दिखाई दे रहा है, साथ ही सालों से जेल में रहकर अन्य कैदियों से बिछड़ने का गम भी उनके चेहरे पर दिखाई दे रहा है। जेल अधीक्षक उषाराजे ने बताया कि रिहाई की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। परिजनों को अवगत करा दिया गया था। कुछ के परिजन बुधवार देर शाम जेल प्रागंण में आ चुके थे। सुबह ध्वजारोहण के बाद रिहा होने वाले कैदियों को शॉल ओढ़ाई जाएगी और रिहाई का पत्र सौंप, दोबारा ऐसा काम ना करने की समझाईश दी जाएगी कि सालाखों में आना पड़े। रिहा होने वाले कैदियों को जेल में रहकर किये गये काम का पारितोषित भी दिया जाएगा। जिसकी पास बुक उन्हे दी जाएगी। इस बार रिहा होने वाले सभी पुरुष कैदी है। इस बार महिलाओं बंदियों की रिहाई नहीं हो रही है।