April 27, 2024

क्लोजर रिपोर्ट में लिखा- शिकायतकर्ता संतुष्ट है, शिकायत बंद कराना चाहती है…

भोपाल। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जांच करने वाले मृतक से भी बयान ले लेते हैं। पढ़ने में कुछ अजीब लग रहा होगा, लेकिन एक मामले की जांच करने वालों ने ऐसी ही जादूगरी करके दिखा दिया। हुआ यूं कि सिवनी जिले की एक महिला ने लव मैरिज की थी। शादी के बाद मायके वाले उसे प्रताड़ित करते थे। परेशान होकर उसने पीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की। बाद में खुदकुशी भी कर ली।

महिला की मौत के तीन साल बाद पीएम हेल्पलाइन ने उसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद पुलिस महिला के घर पहुंची। जब पता लगा कि महिला की मौत हो चुकी है तो पुलिस ने मामले में खात्मा लगा दिया। इधर, पीएम हेल्पलाइन और सीएम हेल्पलाइन की ओर से पुलिस रिपोर्ट के आधार पर केस बंद करते हुए लिखा गया- ‘शिकायतकर्ता की शिकायत का निराकरण कर उसको अवगत करा दिया गया है। शिकायतकर्ता संतुष्ट है। अपनी शिकायत बंद करना चाहती है।’

शिकायत किसी की जेल भेजा किसी को

वेलफेयर सोसाइटी के फाउंडर मेंबर जकी अहमद ने बताया कि युवती बरखा तिवारी ने प्रियंक तिवारी से 6 फरवरी 2018 को लव मैरिज की थी। बरखा के परिवार वाले इससे खुश नहीं थे। उसे परेशान करने लगे थे। बरखा ने अपनी शिकायत में अपने पिता, दो चाचा, बहन और जीजा का नाम लिखा था। बरखा ने 14 मार्च 2019 में खुदकुशी की थी। इसके बाद मायके वालों ने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने के संबंध में शिकायत कर दी। इसके बाद पुलिस ने बरखा के पति और सास को जेल भेज दिया।

सुसाइड नोट के आधार पर बने नया केस

जकी अहमद ने बताया कि तीन साल बाद जिस शिकायत की जांच करने पुलिस पहुंची थी। उस केस में पुलिस ने खात्मा लगाते हुए लिखा है- युवती जांच से संतुष्ट है। वह आगे की कार्रवाई नहीं चाहती। जकी का कहना है कि पुलिस मृतक शिकायतकर्ता (बरखा) से कब और कैसे मिली। यह उनकी समझ से परे है, जबकि वे जीवित ही नहीं थीं।