April 27, 2024

इंदौर। सुखलिया बापट चौराहे के समीप स्थित नाहर अस्पताल में मंगलवार को दूसरी मंजिल पर आग लग गई। हालांकि, दमकल के पहुंचने से पहले ही आग पर काबू पा लिया गया। जांच में पता चला कि अस्पताल के पास फायर एनओसी नहीं है। अवैध रूप से ही अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। रहवासी क्षेत्र होने के कारण अस्पताल के फायर एनओसी के आवेदन को निरस्त कर दिया गया था। मामले में अब अफसरों ने जांच की बात कही है।
दरअसल, नाहर अस्पताल में आग की सूचना मिलते ही फायर कंट्रोल रूम से तुरंत दमकल रवाना की गई। फायर अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए लेकिन दमकल के पहुंचने से पहले ही अस्पताल प्रबंधन की ओर से आग बुझा दी गई थी। अस्पताल में 20 बेड हैं और आइसीयू नहीं है। यहां 11 लोगों का स्टाफ है। अस्पताल प्रबंधक नवीन नाहर ने बताया कि भवन जी प्लस टू है। द्वितीय मंजिल पर कुछ किताबें रखी थी, जिसमें आग लगी।बार-बार बत्ती गुल हो रही थी, ऐसे में शायद शार्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी । उल्लेखनीय है कि बिना फायर एनओसी पूर्व में भी अस्पताल संचालन के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन की ओर से लापरवाहीपूर्वक अस्पताल का संचालन कर लोगों की जान को खतरे में डाला जाता है।

नहीं है फायर एनओसी

फायर एसपी आरएस निगवाल का कहना है कि नाहर अस्पताल में आग की सूचना पर दमकल भेजी गई थी। वहां जांच में पता चला कि अस्पताल के पास फायर एनओसी नहीं है। अस्पताल वालों की ओर से फायर एनओसी के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन रहवासी क्षेत्र में अस्पताल होने के कारण आवेदन निरस्त कर दिया गया। बिना फायर एनओसी ही अस्पताल का संचालन हो रहा है।