April 26, 2024

ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली
तालिबान ने 11 सितंबर को भारत के लिए रवाना होने वाले अफगान सिखों के एक समूह को गुरु ग्रंथ साहिब को अपने साथ ले जाने से रोक दिया है। इन धार्मिक ग्रंथों को अफगानिस्तान की विरासत का हिस्सा माना गया है। 1990 के दशक में अफगान सिखों ने अपने देश से भागना शुरू कर दिया था। यह अनुमान लगाया जाता है कि अब 100 से भी कम लोग वहां बचे हैं। 60 सिखों का एक समूह भारत आने की तैयारी में है, लेकिन वे अपने चार गुरु ग्रंथ साहिब को भी अपने साथ भारत लाना चाहते हैं। अमृतसर स्थित सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने तालिबान के इस कदम की निंदा की है। उन्होंने तालिबान सरकार के फैसले को सिखों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप करार दिया है।