लीवर में चोंट लगने से हुई थी युवक की मौत -नशामुक्ति केन्द्र संचालक के साथ 5 पर गैर इरादतन हत्या के मामला दर्ज

उज्जैन। नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती युवक की मौत का मामला गैर इरादतन हत्या में बदल गया है। केन्द्र के संचालक और पांच अन्य के खिलाफ गुरूवार को मामला दर्ज किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट के दौरान मृतक का लीवर डेÑमेज होना सामने आया है।
मक्सीरोड शंकरपुर में रहने वाले हरीश पिता ग्यारसीलाल निर्मल 40 साल को परिजनों ने 5 दिसंबर को मंगलनाथ मंदिर मार्ग पर नव मानस नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया था। 12-13 दिसंबर की रात नशा मुक्ति केन्द्र से परिजनों को बताया गया कि हरीश की तबीयत बिगड़ गई है। उसे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है, सायलेंट अटैक आया है। परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे, जहां हरीश की मौत होना सामने आया था। परिजन रात में शव घर ले आये थे। 13 दिसंबर की सुबह अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान मृतक हरीश के शरीर पर चोंट के कई निशान दिखाई दिये। परिजनों ने मारपीट करने और हत्या का आरोप लगाया। जीवाजीगंज थाना पुलिस ने मर्ग कायम किया और पोस्टमार्टम कराया। थाना प्रभारी विवेक कनोड़िया ने बताया कि पांच दिन बाद मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आया कि मृतक के साथ मारपीट हुई थी, जिसके चलते उसका लीवर डेÑमेज हुआ था, इसी के चलते मौत हुई है। थाना प्रभारी के अनुसार पीएम रिपोर्ट के आधार पर नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक उमेश वैष्णव के साथ केन्द्र में काम करने वाले केयर टेकर,गार्ड सहित 6 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता में गैर इरादतन हत्या की धारा 105 और 3 (5) में प्रकरण दर्ज किया गया है। 4 को हिरासत में ले लिया गया है, 2 की तलाश जारी है। हिरासत में आये सभी आरोपितों को शुक्रवार दोपहर कोर्ट में पेश किया जायेगा।
केन्द्र में मारपीट कर पिलाई जाती थी दवा
पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती लोगों के साथ वहां काम करने वाले दवा पिलाने के दौरान मारपीट करते थे। केन्द्र में कुछ ऐसे लोगों को भी दवा पिलाने में शामिल कर लिया गया है, जिनका खुद का उपचार केन्द्र में चल रहा है। केन्द्र में कोई डॉक्टर की नियुक्ति नहीं थी, देखभाल के लिये नर्सिंग स्टाफ भी नहीं रखा गया है। हरीश के साथ घटनावाली रात यहीं हुआ था। उसे दवा पिलाने से पहले बुरी तरह पीटा गया था। उसके बाद सीने पर चढ़कर दवा पिलाने की कोशिश की गई थी। मारपीट में उसे अंदरूनी चोंट लगे थी।
2 बच्चों का पिता था हरीश
हरीश की मौत के बाद पोस्टमार्टम रूम के बाहर परिजनों ने बताया था कि हरीश बिल्डिंग मटेरियल सप्लाय का काम करता था और 2 बच्चों का पिता था। उसे नशे की लत लग गई थी। जिसके चलते उसे 5 दिसंबर को नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती किया गया था। 2 दिन बाद पिता उसे रोज की जरूरतों का सामान देने भी गये थे, उस दौरान वह पूरी तरह से ठीक था।
नशा मुक्ति केन्द्र में होती है अमानवियता
शहर में नशा मुक्ति केन्द्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। पूर्व में भी नशा मुक्ति केन्द्रों में अमानवियता और मारपीट के मामले सामने आ चुके है। कुछ महिनों पहले ही वेदनगर नशा मुक्ति केन्द्र का मामला पुलिस तक पहुंचा था। यहीं नहीं चिमनगंज थाने के सामने मेन रोड पर नशा मुक्ति केन्द्र से युवक ने कूदकर अपनी जान दी थी। यहीं नहीं जुलाई 2024 में तराना के एक युवक को नशा मुक्ति केन्द्र वाले एम्बुलेंस से इंदौररोड स्थित केन्द्र ला रहे थे, रास्ते में उसके साथ बुरी तरह  मारपीट की गई थी। जिसके चलते युवक की मौत होना सामने आया था। उक्त मामले में भी पुलिस ने केस दर्ज किया था।

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