12 साल के ऋषभ की एक आंख का कॉर्निया झुलसा: दीपावली पर कार्बाइड गन बनी खतरा, उज्जैन में बढ़े हादसे के मामले

12 साल के ऋषभ की एक आंख का कॉर्निया झुलसा: दीपावली पर कार्बाइड गन बनी खतरा, उज्जैन में बढ़े हादसे के मामले

📍 उज्जैन | 10 घंटे पहले

भोपाल और ग्वालियर के बाद अब उज्जैन जिले और आसपास के क्षेत्रों में भी कार्बाइड गन से जुड़े हादसे बढ़ने लगे हैं। दीपावली के दौरान इस खतरनाक जुगाड़ बंदूक के उपयोग से कई बच्चे घायल हो गए।

🔹 150 से 200 रुपए में बिक रही थी ‘जुगाड़ गन’

दीपावली से पहले शहर के कई चौराहों पर यह कार्बाइड गन 150 से 200 रुपए में खुलेआम बिक रही थी। सोशल मीडिया और रील्स पर इसके वीडियो वायरल होने से बच्चों में इसे चलाने की ललक बढ़ी। नतीजतन, 7 से 14 वर्ष के कई बच्चे हादसों का शिकार बन गए।

इन हादसों में आंखों में जलन, कॉर्निया झुलसना और स्थायी दृष्टि हानि जैसे गंभीर परिणाम सामने आए हैं।

🔹 सरकारी अस्पतालों में केस दर्ज नहीं, प्राइवेट क्लीनिक में बढ़े मरीज

हालांकि सरकारी अस्पतालों में ऐसे केस दर्ज नहीं हुए हैं, लेकिन शहर के निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में करीब 15 मामलों की जानकारी मिली है।
कुछ बच्चों को हल्की चोट आई, जबकि कई की स्थिति गंभीर होने पर इंदौर रेफर किया गया।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा के अनुसार —

“दीपावली के दो दिन में ऐसे 4–5 केस आए। कुछ बच्चों की आंखों को गंभीर क्षति हुई, जिन्हें इंदौर भेजना पड़ा। अब भी इस तरह के मरीज आ रहे हैं।”

🔹 उज्जैन में दर्ज हुए प्रमुख केस

  • ऋषभ जायसवाल (12 वर्ष), अंबर कॉलोनी निवासी:
    कार्बाइड गन चलाने से एक आंख की कॉर्नियल बर्न हो गई। उज्जैन में इलाज के बाद इंदौर रेफर किया गया।
    परिवार के अनुसार, बच्चे को अब भी आंख में तेज दर्द है और दृष्टि स्पष्ट नहीं दिख रही।

  • समर्थ अजमेरा (9 वर्ष), आगर मालवा:
    दीपावली पर गन चलाते वक्त आंख में चोट लगी। बच्चा अब तक आंख नहीं खोल पा रहा है।

  • गब्बर पटेल (डेयरी संचालक):
    पास में पटाखे और गन चलाने के दौरान निकले धुएं से आंखों में इंफेक्शन हुआ। दो दिन से आंखें नहीं खुल पा रही हैं।

🔸 विशेषज्ञों की चेतावनी

नेत्र चिकित्सकों ने अभिभावकों से अपील की है कि कार्बाइड गन जैसे खतरनाक खिलौनों से बच्चों को दूर रखें। यह न केवल आंखों बल्कि चेहरे और कानों के लिए भी गंभीर नुकसानदायक साबित हो सकती है।

“मनोरंजन के लिए बच्चों की सेहत से समझौता न करें — यह खिलौना नहीं, खतरा है।”

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