18 अगस्त को निकलेगी बाबा महाकाल की शाही सवारी
पुजारियों ने मुख्यमंत्री से पालकी की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की
उज्जैन में 18 अगस्त को भगवान महाकाल की राजसी (शाही) सवारी निकलेगी। इस दौरान देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है। पिछली सवारियों में हुई अव्यवस्था को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर पुजारी समिति ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से पालकी की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
पुजारियों की चिंता
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सवारी के दौरान भक्त पालकी तक पहुंचकर भगवान को स्पर्श करने, माला पहनाने और चरणवंदन की कोशिश करते हैं।
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इस भीड़भाड़ में कई बार भगवान महाकाल के विग्रह को क्षति का खतरा पैदा हो जाता है।
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भक्तों द्वारा खींचतान में भगवान की पगड़ी तक निकल जाने का डर बना रहता है, जो अशोभनीय और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है।
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अव्यवस्था के बीच पुजारी, कहार और पुलिस कर्मियों को चोट लगने की घटनाएं भी सामने आती हैं।
पुजारियों की मांग
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पालकी की सुरक्षा के लिए पूरे मार्ग को बैरिकेडिंग से सुरक्षित कॉरिडोर बनाया जाए।
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मंदिर समिति के सुरक्षा अधिकारियों की विशेष ड्यूटी पालकी के साथ लगाई जाए।
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सरकार आदेश जारी करे कि राजसी सवारी और दशहरे की सवारी में कोई अप्रिय घटना या अव्यवस्था न हो।
👉 बाबा महाकाल की शाही सवारी सिर्फ धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि आस्था और गरिमा का प्रतीक है। पुजारियों का मानना है कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से ही भगवान की राजसी शोभायात्रा बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो सकती है।
