📵 महाकाल मंदिर में मोबाइल छिपाकर ले जाने की “ट्रिक” वायरल
पुजारी बोले- रील बनाना अधर्म, ट्रस्ट सख्त कार्रवाई करे
📍 उज्जैन | 15 जुलाई 2025
श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। दर्शन के साथ कई श्रद्धालु मंदिर परिसर में रील्स बनाने और मोबाइल ले जाने की ट्रिक का उपयोग कर रहे हैं, जो मंदिर नियमों के विपरीत है।
📲 चोरी-छिपे मोबाइल, अशालीन फोटो और डांस वीडियो
हाल ही में एक सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक युवती मंदिर में मोबाइल छिपाकर ले जाने की ट्रिक बता रही है। यह वीडियो इंस्टाग्राम पर खुले रूप में पोस्ट किया गया है, जो मंदिर प्रशासन की व्यवस्थाओं को चुनौती देता प्रतीत होता है।
अन्य घटनाएं:
-
एक कपल ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह के समीप डांस करती रील बनाई।
-
एक युवती ने अशालीन परिधान में मंदिर परिसर की फोटो पोस्ट की और कैप्शन में लिखा, “सावन माह के पहले दिन बाबा महाकाल के दर्शन किए।”
🙏 पुजारी बोले – “धार्मिक स्थलों की गरिमा से खिलवाड़”
वरिष्ठ पुजारी महेश शर्मा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी:
“मंदिर में रील बनाना सबसे बड़ा अधर्म है। महाकाल का मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं, यह एक साधना स्थली है। जब से कॉरिडोर बना है, लोग इसे घूमने की जगह समझने लगे हैं। कुछ लोग गले में हाथ डालकर दोस्तों को नचाते हैं, ये अपमानजनक है।”
उन्होंने ट्रस्ट से मांग की है कि:
-
सोशल मीडिया पर ऐसे कंटेंट डालने वालों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
-
फिल्टरिंग सिस्टम लगे जिससे वीडियो कॉलिंग या शूटिंग को रोका जा सके।
-
सुरक्षा टीम को अतिरिक्त ब्रीफिंग दी जाए।
🔐 मोबाइल प्रतिबंध और फिर भी उल्लंघन
मंदिर ट्रस्ट द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं:
-
मोबाइल ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है
-
लॉकर की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है
-
इसके बावजूद कुछ लोग पर्स, वस्त्र या पूजा की सामग्री में छिपाकर मोबाइल ले जाते हैं
📢 क्या हो सकती हैं कार्रवाई?
मंदिर ट्रस्ट यदि चाहे तो ऐसे लोगों पर:
-
आईटी एक्ट की धारा 66A व 67
-
मंदिर अधिनियम व आस्था का उल्लंघन
के अंतर्गत कार्रवाई कर सकता है।
⚠️ मंदिर प्रशासन को सुझाव
-
🔸 RFID स्कैनिंग और फोन डिटेक्टर गेट
-
🔸 महिला सुरक्षा स्टाफ द्वारा कपड़ों की जांच (सम्मानजनक तरीकों से)
-
🔸 रील बनाने वालों की पहचान कर सोशल मीडिया हैंडल को ट्रैक करना
✍️ निष्कर्ष
महाकाल मंदिर केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि देश की आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। यहां रील बनाकर या मोबाइल ट्रिक से सोशल मीडिया पर लाइक्स पाने की होड़ मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है।
👉 ट्रस्ट को इस पर अब “नो टॉलरेंस” नीति अपनानी चाहिए।
