मऊगंज में मोबाइल चलाने पर डांटने से दुखी होकर छात्रा ने की आत्महत्या, 400 मीटर दूर पेड़ पर मिला शव
मऊगंज | रीवा जिले के मऊगंज तहसील अंतर्गत शाहपुर थाना क्षेत्र के बेलहा गांव में एक 11वीं कक्षा की छात्रा ने आत्महत्या कर ली। मोबाइल चलाने पर परिजनों की डांट से आहत होकर छात्रा वर्षा द्विवेदी (17) ने गांव से करीब 400 मीटर दूर एक पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। यह हृदय विदारक घटना रविवार दोपहर की है, जिसने पूरे इलाके में शोक और चिंता का माहौल बना दिया है।
घर से अचानक लापता हुई थी छात्रा
जानकारी के अनुसार, वर्षा द्विवेदी राम अनुग्रह द्विवेदी की बेटी थी और खटखरी विद्यालय में पढ़ाई करती थी। रविवार को छुट्टी होने के कारण वह घर पर ही थी। दोपहर लगभग 2 बजे वह घर से निकली और लौटकर नहीं आई। काफी देर तक जब परिजनों को उसका पता नहीं चला तो उन्होंने उसकी तलाश शुरू की।
पेड़ से लटका मिला शव, पुलिस को दी गई सूचना
कुछ समय बाद गांव से करीब 400 मीटर की दूरी पर एक पेड़ पर वर्षा का शव रस्सी के फंदे से लटका हुआ मिला। यह दृश्य देखकर परिजन स्तब्ध रह गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। शाहपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फंदे से उतारकर मऊगंज सिविल अस्पताल भिजवाया।
पोस्टमार्टम में देरी, महिला डॉक्टर की प्रतीक्षा
मऊगंज अस्पताल में महिला चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। रीवा से महिला डॉक्टर के आने के बाद ही मेडिकल प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
मोबाइल चलाने पर डांट बनी आत्महत्या की वजह
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि छात्रा को परिजनों ने मोबाइल फोन अधिक चलाने पर डांटा था। इसी बात से आहत होकर उसने यह कठोर कदम उठा लिया। पुलिस फिलहाल मामले की गहराई से जांच कर रही है और परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
समाज के लिए सवाल: क्या हमारी डांट बच्चों की जिंदगी छीन रही है?
वर्षा की आत्महत्या ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद को लेकर समाज कितना जागरूक है। क्या छोटी-छोटी बातों पर दी जाने वाली सख्त फटकार किशोरों के दिल-दिमाग पर इतना गहरा असर छोड़ सकती है कि वे जीवन से ही हार मान लें? यह समय है कि हम संवाद के तरीकों को समझें और भावनात्मक समझदारी से अपने बच्चों को संभालें।
