उज्जैन शहर की सड़कें सुधरी नहीं और हेल्मेट अनिवार्य

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

यातायात पुलिस ने सख्त रवैया अपना कर बाबा महाकाल की नगरी मे दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य तो कर दिया पर हैरत की बात ये है कि क्या शहर की सड़कें ऐसी हैं कि वाहन तेजी से दौड़ सकते हैं। शहर की सड़कों की हालत तो खस्ताहाल है। पर्यटक कहते हैं कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है। बहुत हद तक ये सही भी है कि शहर मे चहुंओर गड्ढे मे सड़क हैं।

टाटा ने उधेड़ रखी है सड़कें- स्मार्ट सिटी का तोहफा शहरवासियों को ये मिला कि आप उधड़ी हुई सडकों पर हिचकोले खाते हुए चलो। हर गली या कालोनी में सीवरेज पाइप व मुख्य पिट बनाने के लिए टाटा कंपनी ने अंधाधुंध खुदाई की और उसका खामियाजा शहरवासी भुगत रहे हैं। न तो सडकें रिपेयर हुई और न ही शहरवासियों को अपनी गाड़ी दौड़ाने का अवसर मिला।

उठे हुए पिट से दुर्घटनाएं- कुछ स्थानों पर सड़क के बीच जो ड्रेनेज कलेक्टिंग पिट बनाए हैं वे ऊंचे उठे हुए हैं और लेवल मे नहीं होने के कारण दोपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। सभी जगह सड़कें ऊबड़ खाबड़ होने से वाहनों के अस्थि- पंजर, ढीले हो रहे हैं। जब वाहन तेज स्पीड पकड़ ही नहीं पा रहे तो हेलमेट पहनना कहां तक प्रासंगिक है।
सड़कों पर जाम ही जाम- पुराने शहर मे चारों तरफ चौड़ीकरण का काम हो रहा है। इसके कारण सड़कों पर मलबा व निर्माण सामग्री बिखरी हुई है। ऐसे मे जगह जगह यातायात जाम होता रहता है। दोपहिया वाहन रेंग कर चलते हैं ऊपर से हेलमेट पहने होने से इन सड़कों पर वाहनचालक घुटन महसूस करते हुए असहज हो जाते हैं।

अपराधियों के लिए ढाल- हेलमेट पहनने से वाहन चालक का चेहरा नहीं दिखता और सीसीटीवी कैमरे से भी आप चालक की पहचान नहीं कर सकते। इसका भरपूर लाभ बदमाश लोग लेते हैं और वारदात कर भाग जाते हैं। हाल ही में हेलमेट पहने बदमाशों ने सुभाषनगर मे एक वृद्धा के गहने लूट लिए और कैमरे से उनकी पहचान हो नहीं पा रही है। ऐसे मे हेलमेट अपराधी तत्वों के लिए ढाल बन रहा है।

शहरी सीमा के बाहर लागू हो
हेलमेट पहनने की अनिवार्यता शहरीसीमा के बाहर हाईवे पर लागू करना चाहिए जहां दुर्घटना की आशंका सर्वाधिक होती है। शहर में तो दोपहिया धीमे ही चलते हैं।
-अविनाश तिवारी, प्राचार्य फ्यूचर वीजन कालेज।
पूरा शहर खुदा है ऊपर से हेलमेट
कोयलाफाटक, निजातपुरा, खजूरवाली मस्जिद, केडी गेट सभी जगह सडकें खुदी हुई हैं चौड़ीकरण के चलते रोड पर मलबा बिखरा है ऐसे मे जाम लग जाते हैं और हेल्मेट पहने होने से असहज महसूस होता है।
-शकील खान, मिर्जानईम बेग मार्ग।
यातायात पुलिस पुनर्विचार करे
शहर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यातायात पुलिस के अधिकारियों को तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए और शहर सीमा के अंदर हेल्मेट की अनिवार्यता को समाप्त कर इसे हाईवे पर लागू करना चाहिए।
-ईशान शुक्ला, छात्र इंजीनियरिंग।

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