पर्यटन नगरी के रूप में उज्जैन की ख्याति विदेशों तक,  एक साल के अंदर सात करोड़ से अधिक पर्यटक उज्जैन पहुंचे

-महाकाल के दर्शन कर महाकाल लोक भी देखा

उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन ने पर्यटन नगरी के रूप में भी अपनी विशिष्ट  पहचान विदेशों तक बनाई है। यही कारण है कि बीते एक साल के अंदर उज्जैन में सात करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे। इन देशी विदेशी पर्यटकों ने न केवल महाकाल के दर्शन लाभ लिए वहीं महाकाल लोक भी देखा।

दरअसल हाल ही में एमपी टूरिज्म बोर्ड ने मध्यप्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या के आंकड़े जारी किए है। इसमें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार  मध्यप्रदेश में एक साल के अंदर कुल 13 करोड़ 41 लाख टूरिस्ट पहुंचे। इनमें सबसे ज्यादा उज्जैन में 7.32 करोड़ आए। महाकाल के दर्शन करने के अलावा पर्यटकों ने महाकाल लोक भी देखा। जो आंकड़े बताए गए है उसके अनुसार साल 2023 के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत ज्यादा सैलानियों ने प्रदेश को निहारा है। साल 2023 की तुलना में 19.6 प्रतिशत, 2019 से लगभग 50.6 प्रतिशत और 2020 की तुलना में 526 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने कहा, पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्य जीव विविधता, पर्यटकों को एक संपूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। यही वजह है कि साल 2024 में पर्यटकों की संख्या ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

एमपी टूरिज्म बोर्ड के अनुसार, वर्ष 2024 में 1.67 लाख विदेशी पर्यटकों ने भी मध्यप्रदेश की सैर की। खजुराहो में सबसे ज्यादा 33 हजार 131 विदेशी पहुंचे। वहीं, ग्वालियर में 10 हजार 823 और ओरछा में 13 हजार 960 विदेशी पर्यटक पहुंचे। शहरी पर्यटन में भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई। जिसमें इंदौर में 9964 और भोपाल में 1,522 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। बांधवगढ़ में 29 हजार 192, कान्हा में 19 हजार 148, पन्ना में 12 हजार 762 और पेंच में 11 हजार 272 विदेशी पर्यटक आए। यूनेस्को ने हाल ही में भोजपुर को अपनी टेंटेटिव सूची में शामिल किया है और ग्वालियर को क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक के रूप में मान्यता दी है। प्रदेश में अब 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। सम्राट अशोक के शिलालेख, चौसठ योगिनी मंदिर, गुप्तकालीन मंदिर, बुंदेला शासकों के महल और किले, ग्वालियर किला, बुरहानपुर का खूनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित रामनगर के गोंड स्मारक, धमनार का ऐतिहासिक समूह, मांडू के स्मारकों का समूह, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी टेंटेटिव लिस्ट में हैं।

सूची में सबसे आगे रहा उज्जैन

– उज्जैन 7.32 करोड़ पर्यटकों के साथ इस सूची में सबसे आगे रहा, जो वर्ष 2023 के 5.28 करोड़ की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक है  ।

– प्रदेश के धार्मिक स्थलों ने 2024 में 10.7 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित किया, जो वर्ष 2023 की तुलना में 21.9 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के शीर्ष 10 पर्यटन स्थलों में से 6 धार्मिक स्थल शामिल हैं।

– चित्रकूट में भी 1 करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जो वर्ष 2023 के 90 लाख की तुलना में 33 प्रतिशत
अधिक है।
– मैहर में 1.33 करोड़, अमरकंटक में 40 लाख, सलकनपुर में 26 लाख और ओंकारेश्वर में 24 लाख पर्यटक पहुंचे।
– महाकाल लोक, ओंकारेश्वर महालोक, श्री राम वन गमन पथ, देवी लोक, राजा राम लोक, हनुमान जैसी परियोजनाओं ने धार्मिक पर्यटन को आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।

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