एनडीए और इंडी गठबंधन में कांटे की टक्कर – औंधे मुंह गिरा बाजार, सेंसेक्स 2000 अंक टूटा

ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव परिणामों में एनडीए और इंडी गठबंधन में कांटे की टक्कर के बीच शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दिख रही है। मतगणना के बीच सेंसेक्स 1,624.50 (-2.12%) अंक फिसल गए हैं और 74,458.45 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 563.06 (-2.42%) अंक टूटकर 22,700.85 पर पहुंच गया।

जनवरी 2019 की शुरूआत में सेंसेक्स 36,068 अंकों के आसपास था। जनवरी और फरवरी के दौरान, बाजार में हल्का उतार-चढ़ाव दिखा। इस दौरान बाजार घरेलू और वैश्विक आर्थिक कारकों से प्रभावित दिखा। ये चिंताएं आर्थिक विकास की धीमी गति और व्यापारिक तनाव से जुड़ी थीं। फरवरी 2019 के अंत तक सेंसेक्स बढ़कर 36,063 अंक पर पहुंच गया। यह यह साफ हो गया था कि चुनाव से पहले निवेशक फिर सर्तकता बरतने लगे थे। उसके बाद मार्च महीने में सेंसेक्स ने रफ्तार पकड़नी शुरू की। एक स्थिर सरकार आने की उम्मीदें पुख्ता होने लगी थीं। बालाकोट हवाई हमला 26 फरवरी 2019 को हुआ था। उसके बाद 29 मार्च 2019 को सेंसेक्स लगभग 38,673 अंकों पर बंद हुआ। यह चुनाव से पहले एक मजबूत रैली थी।

अप्रैल की शुरूआत में भी सेंसेक्स में तेजी का सिलसिला जारी रहा। 1 अप्रैल 2019 को सेंसेक्स करीब 38,871 प्वाइंट्स पर करोबार करता दिखा। 10 अप्रैल तक वोटिंग शुरू होने से ठीक पहले सेंसेक्स करीब 38,585 अंक पर पहुंच गया।
मतदान की अवधि में (अप्रैल-मई महीने में) सेंसेक्स में बड़ा उतार-चढ़ाव दिखा। 11 अप्रैल 2019 को वोटिंग के पहले दिन सेंसेक्स 38,607 के आसपास कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स ने मतदान अवधि के दौरान विभिन्न जनमत सर्वेक्षणों और राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद लचीलापन दिखाया। 17 मई 2019 तक यानी चुनाव नतीजों से ठीक पहले सेंसेक्स करीब 37,930 अंक पर बंद हुआ। चुनाव परिणाम 23 मई, 2019 को घोषित किए गए। चुनाव परिणामों ने एक बार फिर भाजपा और एनडीए की निर्णायक जीत की पुष्टि की। चुनाव परिणाम के दिन 23 मई को सेंसेक्स 623 अंकों की तेजी के साथ करीब 38,989 अंकों पर बंद हुआ। चुनाव परिणाम के बाद जून 2019 में सेंसेक्स ने पहली बार 40,000 का आंकड़ा छुआ। इस शुरूआती उछाल के बाद, सेंसेक्स में कुछ उतार-चढ़ाव दिखा। अक्टूबर 2019 में सेंसेक्स गिरकर 34,500 के स्तर पर आ गया।

यह गिरावट धीमी जीडीपी, आईएलएंडएफएस के पतन, राजकोषीय घाटे की चिंताओं, चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव और बैंकों के बढ़ते एनपीए के कारण आई। उसके बाद अक्टूबर और दिसंबर 2019 के बीच बाजार को मजबूती मिलनी शुरू हुई। दिसंबर 2019 में सेंसेक्स 41,600 के स्तर के अपने नए उच्चतम स्तर तक पहुंचा।