हुकमचंद मिल की वेतनपर्ची नहीं, तो भविष्य निधि से सत्यापन कर भुगतान करो

हाई कोर्ट का आदेश

इंदौर: हुकमचंद मिल मामले में बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि जिन मजदूरों के पास वेतनपर्ची नहीं है उनका सत्यापन भविष्य निधि विभाग कर उन्हें भुगतान करें। मजदूरों ने एक आवेदन देकर जल्द से जल्द भुगतान दिलवाए जाने की मांग की थी। कोर्ट को बताया गया कि हाई कोर्ट के आदेश पर बनी समिति ने 2748 मजदूरों के फार्म की जांच कर उन्हें परिसमापक को सौंपा था। इनमें से अब तक 2507 को ही भुगतान मिला है।
परिसमापक की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि शेष मजदूरों के पास वेतनपर्ची नहीं होने से भुगतान अटका है। इस पर कोर्ट ने भविष्य निधि विभाग से सत्यापन कराने के लिए कहा। मामले में अब जुलाई के पहले सप्ताह में सुनवाई होगी।
12 दिसंबर 1991 को हुकमचंद मिल बंद होते वक्त मिल में 5895 मजदूर काम करते थे। इन मजदूरों के बकाया भुगतान के लिए मप्र हाउसिंग बोर्ड ने 20 दिसंबर 2023 को परिसमापक के खाते में 217 करोड़ 86 लाख रुपये की रकम जमा कराई थी। मिल के मजदूरों को दस्तावेज सत्यापन के बाद भुगतान किया जाना है।
श्रमिक नेता नरेंद्र श्रीवंश ने बताया कि मजदूर यूनियन ने दस्तावेजों को सत्यापित कर हाई कोर्ट के आदेश पर बनी समिति को सौंप दिया है, इसके बावजूद कई मजदूरों को भुगतान नहीं मिल रहा। हमने कोर्ट से शीघ्र भुगतान के आदेश देने की मांग की है। कोर्ट के आदेश के बाद उन मजदूरों को राहत मिल गई जिनके पास वेतनपर्ची नहीं है।