इंदौर में दो हजार पाकिस्तानी सिंधियों की भी बंधी उम्मीदें

 

पहली बार सीएए के तहत 14 लोगों को मिली भारत की नागरिकता

इंदौर। दो माह पहले लागू हुए सीएए के तहत पहली बार 14 लोगों को भारतीय नागरिकता मिली है। इसके बाद इंदौर में रह रहे पाकिस्तानी सिंधियों को भी भारतीय नागरिकता मिलने की उम्मीदें बंधी हैं। गौरतलब है कि 30 वर्षों में पाकिस्तान से इंदौर आए 30 हजार से अधिक सिंधियों को देश की नागरिकता मिल चुकी है।
अब जैकबाबाद पंचायत द्वारा करीब दो हजार पाकिस्तानी सिंधियों के सीएए के तहत आवेदन भरवाए जा रहे हैं, जिन्हें यहां आने के 15-20 साल बाद भी नागरिकता नहीं मिली हैं। इधर पंचायत ने सीएए कानून में तारीख को लेकर संशोधन करने की मांग भी की है, ताकि इंदौर में रह रहे 10 हजार से अधिक पाकिस्तानी सिंधिंयों को भी देश की नागरिकता मिल सके।

जेकबाबाद पंचायत के अध्यक्ष राजा मांदवानी ने बताया कि सीएए कानून लागू होने पर पूरी पंचायत में हर्ष है। इंदौर में करीब दो हजार से अधिक पाकिस्तानी सिंधी ऐसे हैं, जिन्हें पाकिस्तान से आए 15-20 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक नागरिकता नहीं मिली है। इसके चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अब तक पहचान तक नहीं मिली है। उनके बच्चों को बड़े स्कूलों में प्रवेश नहीं मिलता। अब सीएए कानून के तहत इनका आवेदन करवा रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द देश की नागरिकता मिल जाए। मांदवानी ने बताया कि इंदौर में अब तक 30 हजार से अधिक पाकिस्तानी सिंधियों को देश की नागरिकता मिल चुकी है।

एक्ट में तारीख खत्म करने मांग

मांदवानी ने बताया कि सीएए कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वालों को ही नागरिकता मिल सकती है। ऐसे में 95 फीसद को नागरिकता पहले ही मिल चुकी है। सिर्फ इंदौर में ही 2014 के बाद आने वाले 10 हजार से अधिक पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिसमें 99 फीसद सिंधी हैं। लेकिन एक्ट में तारीख के चलते इन्हें नागरिकता नहीं मिल पा रही है। इस संबंध में हमने मांग की है कि कानून में तारीख को खत्म किया जाए या फिर कानून लागू होने की तारीख तक देश की नागरिकता दी जाए।