April 30, 2024

-पंजीयन के पहले दिन उज्जैनवासी अमरनाथ यात्रियों को निराशा हुई

-जम्मू-कश्मीर बैंक की शाखाओं में पंजीयन शुरू हो गए

उज्जैन। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले उज्जैनवासी श्रद्धालुओं को पंजीयन के पहले दिन ‍निराशा हाथ लगी है। पंजाब नेशनल बैंक में सर्वर अपडेट नहीं होंने और श्राईन बोर्ड का पोर्टल स्टार्ट नहीं होने के कारण यह निराशा हुई है। प्रदेश में जहां-जहां जम्मू-कश्मीर बैंक की शाखाएं हैं वहां पंजीयन हुए हैं। उज्जैन से हर वर्ष यात्रा पर जाकर पहले दिन ही गुफा में दर्शन करने वाले करीब 25-30 श्रद्धालू हैं।

उज्जैन से नियमित तौर पर हर वर्ष अमरनाथ बाबा के दर्शन करने जाने वालों में शामिल ढांचा भवन निवासी रमेशचंद्र श्रीवैया बताते हैं कि रविवार को यात्रा की विस्तृत जानकारी सामने आते ही उन्होंने पंजीयन के लिए सोमवार को प्रयास किया था। पंजाब नेशनल बैंक , श्राईन बोर्ड दोनों में ही दिनभर तकनीकि समस्या के कारण पंजीयन नहीं हो सका। उनका कहना था कि वे हर वर्ष पहले दिन ही बाबा अमरनाथ के दर्शन दुर्गम मार्ग से जाकर करते हैं। ये उनका 33 वां वर्ष रहेगा। वर्ष 2020 में कोरोना काल में ही वे यात्रा नहीं कर सके। इसके अलावा पिछले 33 वर्ष से बराबर बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते रहे हैं। इधर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं ने जिला अस्पताल से अपना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी बनवाना शुरू कर दिया है। सोमवार को डेढ दर्जन से अधिक ऐसे श्रद्धालू अस्पताल पहुंचे और परीक्षण के साथ प्रमाण पत्र बनवाए हैं।

करीब 25-30 श्रद्धालू नियमित-

उज्जैन से बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष औसत 1200 लोग जाते हैं। इनमें 25-30 श्रद्धालू ऐसे हैं जो प्रतिवर्ष ही यात्रा पर जाते हैं। श्री श्रीवैया बताते हैं कि इनमें अब्दालपुरा निवासी प्रेमनारायण पंड्या का यह 33 वां वर्ष रहेगा। तेलीवाडा निवासी मनोज शर्मा का यह 18 वां वर्ष रहेगा। अब्दालपुरा निवासी पियूष पंड्या का यह 20 वां वर्ष रहेगा। देश भर से जाने वाले श्रद्धालुओं को अलग-अलग बेच में श्राईन बोर्ड अनुमति देता है जिसके मान से दो माह में श्रद्धालू जाकर दर्शन करते हैं। उन्हीं में उज्जैन के औसत 1200 श्रद्धालू भी शामिल रहते हैं। श्री श्रीवैया बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2017एवं 2018 में दो-दो बार यात्रा की और बाबा के दर्शन करने दुर्गम मार्ग से गुफा तक पहुंचे थे।

दो मार्ग, हर दिन 20 हजार को दर्शन –

बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए दो मार्ग हैं। श्रीवैया बताते हैं कि एक दिन की यात्रा करने वाले बालटाल मार्ग का उपयोग करते है। इसमें सुविधाजनक रूप से यात्री गुफा तक जाकर दर्शन करता है। दुसरा तीन दिन का दुर्गम मार्ग अनंतनाग का है।यह परंपरागत मार्ग है। इससे अधिकांश श्रद्धालू जाते हैं। श्राईन बोर्ड से एक दिन में एक मार्ग से आने वाले 10 हजार श्रद्धालुओं को ही अनुमति होती है। इस तरह से दोनों मार्ग से करीब 20 हजार श्रद्धालू एक दिन में बाबा की गुफा पहुंचकर दर्शन करते हैं।

लंगर में देते हैं सेवा-

बाबा अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्ग पर भंडारे एवं 24 घंटे चलने वाले लंगर लगते हैं। उज्जैन के श्रद्धालू शिवशक्ति सेवा मंडल बुडलाढा के लंगर एवं श्री अमरनाथ सेवा दल करनाल के लंगर में सेवा देते हैं। कुछ दिन भंडारा स्थल पर रूककर ही वहां श्रद्धालूओं की सेवा करते हैं ।