April 30, 2024

दैनिक अवंतिका(उज्जैन) होली के दुसरे दिन मंदिर के गर्भगृह में आग भभकने के हादसे में गंभीर रूप से झुलसे सत्यनारायण सोनी का मंगलवार रात मुंबई के अस्पताल में निधन होने के बाद उनके शव को बुधवार को उज्जैन लाया गया। अवंतिपुरा स्थित उनके निवास से निकली शव यात्रा में महाकाल भक्तों का हुजूम उमड पडा। मंदिर के पुजारी,पुरोहित,प्रशासक, अधिकारी, कर्मचारी,समाजजन, शहरवासी बडी संख्या में इसमें शामिल हुए।श्री सत्यनारायण सोनी के अवंतिपुरा स्थित निवास पर शव यात्रा की तैयारी पूर्व से ही की गई थी। शव के मुंबई से पहुंचने पर तत्काल ही उन्हें पारिवारिक संस्कारों के साथ अंतिम यात्रा के लिए तैयार कर लिया गया था। तीन पुत्रों राजेश, सुनील, अनिल एवं एक पुत्री के परिजन इस दौरान पुरी तरह शोक में डूबे हुए थे। श्री सोनी अपने पीछे नाती-पोतों से भरा पुरा परिवार छोड गए हैं। उनके निवास से निकली शवयात्रा में श्री महाकालेश्वर मंदिर के पंडे,पुजारी, भस्मार्ती भक्त मंडल के सदस्य, शयन आरती भक्त मंडल के सदस्य एवं प्रतिदिन महाकाल दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालू ,मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीणा , अपर कलेक्टर अनुकुल जैन सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल सहित प्रबंध समिति सदस्य प्रदीप पुजारी सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। उन्हें  पुष्पांजलि अर्पित की। शव यात्रा करीब 1.5 किलोमीटर की दूरी तय कर चक्रतीर्थ श्मसान पर पहुंची जहां शिप्रा नदी के किनारे उनका परंपरागत लकडी, कंडे से अंतिम संस्कार किया। उनके बडे बेटे राजेश ने अंतिम क्रिया में चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान श्री सोनी के झुलसने के घटनाक्रम से लेकर उनकी सेवा के कार्यों का पंडे –पुरोहितों एवं महाकाल के भक्तों में जिक्र होता रहा ।

शासन सहयोग मिला-पुत्र-

श्री सोनी के  सबसे छोटे पुत्र अनिल ने चर्चा में बताया कि इंदौर में भी उपचार बेहतर चल रहा था लेकिन रिकवरी नहीं होने पर दो दिन पूर्व डाक्टरों की सलाह पर ही पिता जी को इंदौर से मुंबई के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रैफर किया  गया था। वहां देश के बडे बर्न स्पेशलिस्ट की देखरेख में उपचार किया जा रहा था। परिजनों के साथ एक प्रशासनिक अधिकारी भी वहां थे। वहां रूकने ,सहित सभी व्यवस्थाएं शासन स्तर पर की गई थी। हादसे में उनके झुलसने के बाद उपचार के दौरान ही सामने आया कि वे शुगर से पिडित हैं इससे पहले कभी ऐसी स्थिति सामने नहीं आई। उनके शरीर के कुछ अंगों ने भी काम करना बंद कर दिया था।

कुछ बिंदुओं पर उठ रहे सवाल

श्री महाकालेश्वर मंदिर में हुए अग्नि हादसे की जांच के लिए कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने दो सदस्यी जांच कमेटी बनाई थी। अभी अंतरिम रिपोर्ट ही आई है। मानव अधिकार आयोग ने प्रशासन से 9 बिंदुओं के तहत प्रतिवेदन मांगा है। खास बात तो यह है कि मंदिर प्रबंध समिति के तत्कालीन प्रशासक ने हादसे के 6 दिन पहले बाजार की गुलाल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था तो बडी मात्रा में गुलाल मंदिर में आया कैसे और लाया कौन ? इसे लेकर अभी तक कुछ भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के करवाते हुए 3 दिन में समिति से रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। जांच रिपोर्ट समिति ने निर्धारित समय में दी लेकिन यह अंतरिम जांच रिपोर्ट रही। घटना को लेकर मुंबई से आए फायर एक्सपर्ट ने भी जांच की हैं। झुलसे 14 लोगों में से 3 का इंदौर के अस्पताल में उपचार जारी है। इनके बयानों के बाद ही पूर्ण  रिपोर्ट सामने आ सकेगी। इस बात को लेकर बराबर आम चर्चा है कि आखिर मंदिर समिति के प्रशासक के प्रतिबंधित आदेश के बाद भी नंदी गृह और गर्भगृह में बाजार का इतनी मात्रा में गुलाल पहुंचा कैसे। गुलाल स्प्रे गन कौन लेकर आया। प्रतिबंध  के आदेश का पालन किस स्तर पर और क्यों नहीं हो सका।

प्रशासक ने लगाया था बाजार के गुलाल पर प्रतिबंध-

जांच रिपोर्ट में जिस गुलाल को हादसे का कारण माना जा रहा है उस पर मंदिर प्रबंध समिति के तत्कालीन प्रशासक संदीप सोनी ने प्रतिबंध आदेश जारी किया था। आरती के दौरान बाजार का गुलाल ही नहीं आया बल्कि स्प्रेगन भी आई और उसका उपयोग हुआ है। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने 19 मार्च को अध्यक्ष पुजारीयान समिति,अध्यक्ष पुरोहित समिति के नाम से जारी आदेश पत्र में स्पष्ट रूप से कहा था कि होलिका पर्व के उपलक्ष्य  पर भगवान श्री महाकालेश्वर जी को हर्बल गुलाल ही अर्पण करें।  इसके लिए मंदिर की कोठार शाखा से गुलाल प्राप्त करने के लिए कहा गया था। पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि बाजार से लाए जाने वाले रंग-गुलाल का उपयोग किया जाना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।  इसके उल्लंघन की दशा में संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किए जाने का उल्लेख भी इस पत्र आदेश में किया गया था। इस आशय के पत्र आदेश की प्रतिलिपि मंदिर के जिम्मेदार सुरक्षा सहित सभी शाखा प्रभारी एवं पुलिस को भी दी गई थी उसके बावजूद 25 मार्च सोमवार की भस्मार्ती में जमकर लोग बाजार का गुलाल और स्प्रेगन लेकर पहुंचे थे। किसी ने उन्हें रोकना भी वाजिब नहीं समझा। सामने तो यह भी आ रहा है कि खूद प्रशासक संदीप सोनी भस्मार्ती के समय मौजुद थे। इस दौरान उन्होंने न तो संबंधित कर्मचारियों को न ही सुरक्षा कर्मचारियों को कार्रवाई के लिए कहा और न ही खूद ही किसी श्रद्धालू को ही बाहर से गुलाल स्प्रेगन लाने के मामले में कार्रवाई ही की। सोनी भस्मार्ती के दौरान नंदी गृह ही नहीं गर्भगृह के मुहाने तक भी देखे गए। गर्भगृह में फेंका जा रहा अधिकांश गुलाल नंदी गृह से ही फेंकना सामने आ रहा है।स्प्रेगन भी नंदी गृह से ही चलाया जाना सामने आ रहा है।

9 बिंदुओं के तहत 15 दिन में प्रतिवेदन मांगा-

श्री महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार सुबह गर्भगृह में भस्मार्ती के अंतिम क्षणों में गुलाल से आग भभकने के मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने 15 दिनों में कलेक्टर उज्जैन एवं प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति से करीब 9 बिंदुओं पर प्रतिवेदन मांगा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में आग भभकने की घटना में पुजारी , सेवकों, कर्मचारी सहित 14 लोग झुलसे हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, उज्जैन तथा महाकाल मंदिर प्रशासक, उज्जैन से मामले की जांच कराकर निम्न बिन्दुओं पर 15 दिनों में प्रतिवेदन मांगा है।

आयोग ने इन बिंदुओं के तहत प्रतिवेदन मांगा-

(1) दिनांक 25.03.2024 को महाकाल मंदिर उज्जैन के गर्भगृह में भस्म आरती के लिए कितने व्यक्तियों को जाने की अनुमति थी और घटना के समय कितने व्यक्ति मौजूद थे।

(2) गर्भगृह के अलावा भस्म आरती के समय शेष व्यक्ति/भक्तगण आदि गर्भगृह के दरवाजे से से कितनी दूरी पर थे ।

(3) भस्म आरती के समय गर्भगृह में गुलाल किस प्रकृति का उपलबध करवाया गया था और यह व्यवस्था किसके द्वारा की गई थी ।

(4) गर्भगृह में भस्म आरती के समय गुलाल से आग किस प्रकार और किन परिस्थितियों में लगी थी।

(5) गर्भगृह में गुलाल से लगी ऐसी आग के कारण गर्भगृह और उसके बाहर मौजूद कितने व्यक्ति झुलसे । उन सभी का पूर्ण विवरण और इलाज एवं वर्तमान स्थिति के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन ।

(6) आग में झुलसे ऐसे सभी व्यक्तियों के इलाज आदि पर व्यय की महाकाल मंदिर प्रबंधन और मध्यप्रदेश शासन की ओर से क्या व्यवस्था की गई ।

(7) आग से झुलसे ऐसे व्यक्तियों को महाकाल मंदिर प्रबंधन एवं मध्यप्रदेश शासन की ओर से कोई आर्थिक मुआवजा राशि दी गई है अथवा नहीं ।

(8) गर्भगृह या उसके पास गुलाल के साथ ही बताये अनुसार प्रेशर पम्प या रंग उड़ाने वाली छोटी स्प्रेगन किन परिस्थितियों में पहुंची थी । क्या उन्हें मंदिर के अन्दर लाये जाने की अनुमति मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा दी गई थी ।

(9) इस प्रकार की घटना महाकाल मंदिर के गर्भगृह या अन्य कहीं परिसर में न हो इसके लिए भविष्य में क्या सावधानियाँ और निर्देश प्रस्तावित हैं ।

गुलाल को माना है दुर्घटना का कारण-

श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली पर भस्मआरती के दौरान हुए अग्निकांड की अभी पुरी रिपोर्ट नहीं आई है। अंतरिम जांच रिपोर्ट जांच के लिए गठित दो सदस्यीय समिति ने दी है। इसमें गर्भगृह में अत्यधिक मात्रा में गुलाल को दुर्घटना का कारण बताया गया है। अंतरिम जांच रिपोट में अनुशंसा भी कि गई हैं।श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में हुई अग्नि दुर्घटना के लिए गठित जांच समिति द्वारा गुरुवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट दी हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली पर भस्म आरती के दौरान हुई अग्नि दुर्घटना के लिए गर्भगृह में अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल का उपयोग किया जाना मुख्य कारण माना गया है। साथ ही दुर्घटना के दौरान एकमात्र निकासी द्वार का 15 मिनिट से अधिक समय तक बंद होना, गर्भगृह में अत्यधिक संख्या में पुजारियों और सेवकों का होना, ड्यूटी पर तैनात मंदिर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी के सौपे गए दायित्वों के पालन में लापरवाही , होली के जारी निर्देशों का उल्लंघन इत्यादि बिंदुओं को भी दुर्घटना का कारण माना गया है। जांच समिति द्वारा प्राथमिक तौर पर होली के त्योहार पर निर्धारित प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए मंदिर के  अधिकारी कर्मचारी के साथ सुरक्षा एजेंसी सहित अन्य जिम्मेदारों को दोषी ठहराया गया है। मुंबई के फायर एक्सपर्ट श्री नीलेश उकंडे द्वारा भी अग्नि दुर्घटना का मुख्य कारण अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल को माना गया हैं। सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी हैं।अंतरिम रिपोर्ट को लेकर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि अग्नि दुर्घटना के लिए विभिन्न स्तर पर लापरवाही पाई गई है। जिसमें प्रमुख रूप से होली त्यौहार के लिए मंदिर प्रशासन के ड्यूटीरत अधिकारी कर्मचारी द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाना, सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही, अत्यधिक मात्रा में गुलाल का मंदिर में लिजाया जाना आदि हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति के निर्देशों के क्रियान्वयन में लापरवाही पर जिम्मेदार मंदिर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा एजेंसी को नोटिस जारी भी किया जा रहा है। अन्य जिम्मेदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए तीन सदस्यीय 4 दल द्वारा काशी विश्वनाथ, तिरुपति, शिर्डी साईं बाबा और सोमनाथ जैसे बड़े प्रमुख मंदिरों का भ्रमण कर वहां की विभिन्न पर्वों पर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अपनी रिपोर्ट देंगे। जिसमें उपयोगी सुझावों को महाकाल मंदिर में भी लागू किया जाएगा। मंदिर के सुव्यवस्थित संचालन और प्रमुख पर्वो के के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) भी तैयार की जाएगी। साथ ही प्रशासनिक दायित्वों का विभाजन भी किया जाएगा। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सबसे पहले तत्कालीन मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी को हटा दिया गया था । जांच समिति की अनुशंसा पर रंगपंचमी पर एक लोटा हर्बल कलर से ही भगवान को रंग लगाया गया था।

 जांच समिति द्वारा की गई प्रमुख अनुशंसा-

-मंदिर में आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और फायरफाइटर सिस्टम लगाया जाए।

-आवश्यक सुरक्षा उपकरणों और मानव संसाधनों की उपलब्धता कर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

-व्यवस्थित पास सिस्टम डेवलप करना

– भस्म आरती के अतिरिक्त चलित भस्म आरती

-मंदिर के अंदर मोबाइल सहित सुरक्षा के दृष्टिगत हानिकारक सामग्रियों लिजाने पर पूर्णतः प्रतिबंध

– मंदिर में आपातकालीन मार्ग निर्धारित किया जाना

– रंग पंचमी पर्व पर मंदिर में प्रतीकात्मक होली इत्यादि सुझाव दिए गए हैं।

अग्निकांड मामले में अब पुलिस शामिल हुई-

श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में होली पर हुए अग्निकांड में 16 दिनों बाद पुलिस की कार्रवाई होगी। अब तक मामले में प्रशासनिक कार्रवाई ही जारी थी। आग भभकने से झुलसे 14 में से एक सेवक की मुंबई में उपचार के दौरान निधन हो जाने के बाद अब इस मामले में पुलिस की दखलअंदाजी हुई है। अग्निकांड में झुलसे अवंतिपुरा निवासी सेवक सत्यनारायण सोनी 79 का मंगलवार को देर रात मुंबई के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में निधन हो गया था। बुधवार को उनका अंतिम संस्कार उज्जैन में चक्रतीर्थ पर किया गया। मामले में घटनास्थल से संबंधित पुलिस अस्पताल से तहरीर आने पर मर्ग कायम करेगी। इसके बाद जांच होगी और नियमानुसार बयान दर्ज किए जाएंगे। महाकाल थाना अंतर्गत यह अग्निकांड हुआ है ऐसे में संबंधित महाकाल थाना पुलिस ही मर्ग कायम कर जांच करेगी।