मदरसों में पढ़ाई जाएगी रामायण, शुरू होंगी स्मार्ट कक्षाएं, वक्फ बोर्ड का फैसला

हरिद्वार। उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई करने वाले छात्र अब कुरान के साथ रामायण की भी पढ़ाई करेंगें. शुरू में राज्य के चार मदरसों में रामायण को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उसके बाद सभी मदरसों में इसे शुरू किया जाएगा. साथ ही मदरसों को मॉडल मदरसों में रूप में विकसित किया जाएगा.

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड से संबद्ध मदरसों में अब रामायण पढ़ाई जाएगी. इसे पाठ्यक्रम के तौर पर शामिल किया जाएगा. नया पाठ्यक्रम बोर्ड के तहत कुल 117 मदरसों में से शुरू में चार मदरसों में शुरू किया जाएगा. भगवान राम की कहानी को आगामी 2024 शैक्षणिक सत्र से चार मदरसों – देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में से प्रत्येक में पढ़ाया जाएगा. मदरसों में रामायण पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी भर्तियां की जाएंगी. इसके बाद शेष 113 मदरसों में भी इसे शुरू किया जाएगा.

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि जब हम अपने छात्रों को लक्ष्मण के बारे में बता सकते हैं, जिन्होंने अपने बड़े भाई के लिए सब कुछ त्याग दिया, तो उन्हें औरंगजेब के बारे में बताने की क्या ज़रूरत है, जिसने सिंहासन पाने के लिए अपने भाइयों को मार डाला. उन्होंने कहा कि चार पहचाने गए मदरसों में एक उचित ड्रेस कोड भी लागू किया जाएगा.

कुरान के साथ पढ़ाएंगे रामायण

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि हम कुरान के साथ-साथ छात्रों को रामायण भी पढ़ाएंगे. वक्फ बोर्ड चार मदरसों के लिए प्रधानाचार्यों की नियुक्ति करेगा, जिन्हें विषय में अच्छी तरह से पारंगत शिक्षकों की भर्ती करने का काम दिया जाएगा. बोर्ड ने आगे कहा कि नए पाठ्यक्रम की शुरूआत के लिए विस्तृत व्यवस्था की जा रही है.

विकसित किए जाएंगे मॉडल मदरसे

शादाब शम्स ने कहा कि चार चयनित मदरसों को स्मार्ट कक्षाओं के साथ मॉडल मदरसों के रूप में विकसित किया जाएगा. इन संस्थानों के शैक्षिक मानकों को उन्नत करने की सख्त जरूरत है और हम राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की किताबें पेश करने की प्रक्रिया में भी हैं.

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार इस साल मार्च से हमारे मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में वक्फ बोर्ड से संबद्ध मदरसों में श्री राम का अध्ययन शुरू किया जाएगा. कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने पिता की प्रतिबद्धता निभाने में मदद करने के लिए राजगद्दी छोड़कर जंगल चला गया. श्री राम जैसा पुत्र कौन नहीं चाहेगा.