इंदौर नगर में आइपीएस अधिकारियों की फौज फिर भी बढ़ीं लूट, डकैती और हत्या की वारदातें

 इंदौर ।  दिसंबर 2021 में इंदौर-भोपाल में पुलिस आयुक्त प्रणाली की शुरूआत हुई तो लगा था कि अब जनता सुकून महसूस करेगी। नया तंत्र शहर को अपराध मुक्त कर देगा। सरकार ने आइपीएस अधिकारियों की फौज इंदौर को दी, लेकिन हालात नहीं सुधरे। लूट, हत्या और डकैती जैसे गंभीर अपराध बढ़ रहे हैं। रात में घर से निकलने पर डर लगने लगा है। पुलिस जांच और डोजियर के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। अपराधी खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे हैं।
आयुक्त प्रणाली के पहले शहर में तीन हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती थी, इसे बढ़ा कर 5 हजार कर दिया गया। शहर की कमान डीआइजी स्तर के अधिकारी संभालते थे। आयुक्त प्रणाली में आइजी/एडीजी को पदस्थ कर दिया। सीएसपी के स्थान पर एसीपी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के स्थान पर एडीसीपी को पदस्थ कर दिया। शहर को चार झोन में बांट कर डीसीपी पदस्थ कर दिए। विशेष बात यह कि इनके इलाके भी छोटे हो गए। इसके बाद भी मैदानी पकड़ कमजोर हो गई। बीते दिनों हुई वारदातें इसका प्रमाण हैं। सिलसिलेवार लूट और हत्या की वारदातें हुईं। उनमें अपराधियों का हाथ निकला जिनके विरुद्ध पहले से प्रकरण दर्ज थे।
ट्रांसपोर्ट व्यवसायी की हत्या कर आसानी से निकल गए बदमाश
जोन-2 के डीसीपी अभिषेक आनंद ने पिछले दिनों विजय नगर चौराहा का वीडियो जारी कर बताया कि पुलिस रात्रि जांच कर रही है। देर रात शराब पार्टी करने वाले दर्जनों कार चालकों के विरुद्ध केस दर्ज किए गए हैं। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी दीपक सौंधिया (महू) की हत्या ने डीसीपी की जांच की पोल खोल दी। हत्या में कुख्यात गुंडे सद्दाम खान का हाथ निकला जो एक पब से पार्टी कर निकला था। दीपक को चाकू मारने के बाद भी सद्दाम आसानी से फरार हो गया।
पुलिस का दावा : साफ्टवेयर से निगरानी कर रहे आइपीएस
शहर में इस वक्त 13 आइपीएस अफसर पदस्थ हैं। आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने पिछले दिनों अपराधियों की निगरानी के लिए साफ्टवेयर तैयार किया। तय किया कि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और उपायुक्त स्तर के अधिकारी उन लोगों की निगरानी करेंगे जिनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज होगी। पूर्व से प्रकरण दर्ज मिले तो कड़ी और सख्त कार्रवाई करवाई जाएगी। बाउंड ओवर और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई हुई, लेकिन अपराधों पर नियंत्रण नहीं हो सका।रिटायर आइएएस के घर में डकैती कर भागे बदमाश
कनाड़िया थाना क्षेत्र की पाश कालोनी (संपत फार्म) में रहने वाली रिटायर आइएएस रेणु पंत के घर में नकाबपोश बदमाशों ने डाका डाला। एक महीने बाद भी पुलिस डकैतों को नहीं तलाश पाई। इसके पूर्व चंदन नगर थाना क्षेत्र में सिलसिलेवार डकैती हो चुकी थी। पुलिस ने आरोपितों को ढूंढने का दावा तो किया, लेकिन चालक को पकड़ कर खानापूर्ति कर ली।
बीआरटीएस पर घूम रहे थे छात्र के हत्यारे
पिछले दिनों बीटेक छात्र मोनू उर्फ प्रभाष पंवार की विजय नगर थाना क्षेत्र में चाकू मारकर हत्या कर दी गई। मोनू की हत्या में परदेशीपुरा क्षेत्र के बदमाशों का हाथ था। आरोपित एलआइजी चौराहा से विजयनगर के बीच चाकू लेकर घूम रहे थे।
भाजपा नेत्री पर हमले में सूचीबद्ध गुंडे शामिल
खजराना थाना क्षेत्र में रहने वाली भाजपा नेत्री पर तीन बदमाशों ने सर्जिकल ब्लेड से हमला कर दोनों गाल काट दिए। इस वारदात में भी सूचीबद्ध बदमाशों का हाथ निकला जो क्षेत्र में नशे की सप्लाई करते हैं।