अ.भा. साहित्य परिषद ने अटल काव्य गोष्ठी का आयोजन किया

मन्दसौर ।  अ.भा. साहित्य परिषद मंदसौर इकाई ने कवि हृदय श्री अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर अटल काव्य गोष्ठी का आयोजन किया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि शिक्षाविद रमेशचन्द्र चन्द्रे ने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेई एक असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। अटलजी जाते-जाते भारतीय जनता पार्टी को नई दिशा दे गये अध्यक्षीय भाषण में गोपाल बैरागी ने कहा कि मेरा यह परम सौभाग्य रहा कि जावद में मुझे वाजपेईजी के सम्मुख कविता पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हरिश दवे ने अटलजी के प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं भारत में नदियों को आपस में जोड़ने की योजना को महत्वपूर्ण बताया। विजय अग्निहोत्री ने राष्ट्रहित के लिये मानवता का जो रखवाला कविता सुनाई। रमेश गंगवानी ने च्च्अटल के बेदाग व्यक्तित्व का बखान करते हुए गीत नेकी तेरे साथ चलेगी, साथ यही एक बात चलेगी सुनाया। नरेन्द्र भावसार नारी रक्षा पर कविता च्च्सुनो सिते राघव अब न आऐंगेच्च् सुनाई। विनोद नाराणिया ने कविता अटलजी तो टल गये सुनाई। सिने स्क्रीप्ट राइटर संजय भारती ने अटलजी से जुड़ा किस्सा सुनाया।
नरेन्द्र त्रिवेदी ने कविता कदम मिला कर चलना होगा, बाधाएं आए तो आए सुनाई। हिमांश वर्मा ने विश्व प्रेम की ओढ़ चदरिया व च्च्मधुबन खुशबु देता हैज्ज् सुनाया। नंदकिशोर राठौर ने अटलजी की प्रथम कविता च्च्आओ फिर से दिया जलाए सुनाई।