नि:शुल्क इलाज से कुपोषण से मुक्त हो चुकी निशा कुपोषण से बच्चों को मुक्त करने के लिये बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही

 उज्जैन । महिदपुर के ग्राम बरखेड़ा निवासी बबलु व उनकी पत्नी मंजु अपनी बेटी निशा (उम्र 10 माह) को बुखार, सांस लेने में परेशानी के कारण उसे लेकर मातृ एवं शिशु चिकित्सालय चरक भवन आये। यहां पर शिशुरोग ओ.पी.डी. में ड्यूटीरत चिकित्सक द्वारा जांच कर बताया कि निशा को अस्पताल में भर्ती कर उपचार की आवश्यकता है। यह बेहद कमजोर भी है, उसका वजन मात्र 3 किलो 990 ग्राम है, जो कुपोषण के लक्षण हैं। इसे खून की भी कमी है। चरक भवन में ही संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में लगातार दो सप्ताह भर्ती रखकर पूर्ण उपचार प्रदान कर निशा को कुपोषण से मुक्त किया जा सकता है। चिकित्सक की बातो से प्रेरित होकर निशा के माता-पिता उसे भर्ती करवाने हेतु राजी हो गये।
चिकित्सक द्वारा निशा को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कर निशा की आवश्यक जांच करवाई एवं उपचार प्रारंभ किया। पोषण पुनर्वास केन्द्र में निशा को दो सप्ताह भर्ती रख आवश्यक उपचार एवं पौष्टिक आहार प्रदान किया गया व खून भी चढ़ाया गया। चिकित्सक डॉ.आयुषी चौहान व पोषण प्रशिक्षक श्रीमती सोनल ठाकुर सहित पोषण पुनर्वास केन्द्र में कार्यरत समस्त स्टाफ द्वारा पूर्ण निगरानी, उचित देखभाल एवं कुपोषण का पूर्ण प्रबंधन किया गया। फलस्वरूप निशा कुपोषण से मुक्त हो सकी। निरन्तर उचित उपचार एवं पोषण आहार मिलने से निशा का वजन बढ़कर 4 किलो 580 ग्राम हो गया और हिमोग्लोबिन भी बढ़ गया।
निशा के स्वस्थ्य होने पर निशा को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है। पोषण पुनर्वास केन्द्र से डिस्चार्ज होने के बाद निशा की माता को निशा को निरन्तर पोषण आहार बनाकर खिलाने का प्रशिक्षण दिया गया। डिस्चार्ज के बाद घर पर पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है। घर पर ही पोषण आहार मिलने से उसकी सेहत में और सुधार आयेगा। निशा के माता-पिता भी अब खुश है कि उनकी पुत्री कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त हो सकी। पोषण पुनर्वास केन्द्र चरक भवन में भर्ती के दौरान निशा को पूर्ण उपचार एवं स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई गई। साथ ही डिस्चार्ज के समय निशा के माता-पिता को प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई।