भारतीय संस्कृति में रंगों का अपना महत्व -उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव राज्य स्तरीय रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिता सम्पन्न

उज्जैन ।  उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राज्य स्तरीय रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में किया गया।  प्रदेश के 9 संभागों के 32 प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में भागीदारी करते हुए रंगोली और पोस्टर के आकर्षक मुद्राएं उकेरीं। प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि रंगोली संस्कृत के रंगावली शब्द से बना है। ज्ञान मुद्रा बनती है इसे बनाने में ज्ञान मुद्रा बनती है जिससे सकारात्मकता और रचना धर्मिता आती है। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक घर के आगे पुराने समय में रंगोली बनाई जाती रही है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सांसद  अनिल फिरोजिया ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में बहुत नवाचार हुए हैं। हमारा अमृत काल 15 अगस्त से प्रारंभ हो चुका है। 25 वर्षों में हम विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हैं। इसमें युवाओं की विशेष भूमिका रहेगी। हमें हर घर तिरंगा लगाना है। तिरंगा हमारे देश की पहचान है।

प्रतियोगिता का शुभारंभ विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में डॉ सदानंद  सप्रे ने मुख्य वक्ता के रुप  में कहा कि अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग तपस्या और बलिदान के कारण हमें स्वाधीनता मिली है। उड़ीसा के 12 वर्ष के बाजीराव और असम की 16 वर्ष की बालिका कनकलता के बलिदान को भी हमें याद करना चाहिए। हमें बलिदान देने वालों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना चाहिए! आज का दिवस विभाजन विभीषिका का स्मृति दिवस है। आजादी के अमृत महोत्सव के प्रादेशिक नोडल अधिकारी डॉ विश्वास चौहान ने आजादी के अमृत महोत्सव की परिकल्पना को संपूर्णता के साथ व्यक्त किया। अध्यक्षीय उद्बोधन कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडे ने दिया और प्रतिभागियों के प्रति शुभकामना व्यक्त की। शुभारंभ वक्तव्य अतिरिक्त संचालक डॉ.एचएल अनिजवाल ने दिया। शुभारंभ कार्यक्रम का संचालन डॉ.शोभा चोचे ने किया।

डॉ.विश्वास चौहान ने आजादी के अमृत महोत्सव का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में माधव विज्ञान महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका प्रज्ञा का लोकार्पण भी अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य अतिरिक्त संचालक डॉ.एचएल अनिजवाल ने प्रस्तुत करते हुए स्पर्धा की संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की। अध्यक्षीय उद्बोधन कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडे ने दिया।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। संचालन डॉ.शशि प्रभा जैन ने किया। आभार कुलसचिव डॉ.प्रज्वल खरे ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ.जे.एलबरमैया डॉ अजय भार्गव डॉ.हेमंत गहलोत डॉ.अर्पण भारद्वाज, डॉ.अरुण सेठी डॉ.वीके गुप्ता, डॉ.जफर महमूद, डॉ.केशवमणि शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे।