मोदी ने सागर में 100 करोड़ के संत रविदास मंदिर-स्मारक की रखी नींव

बोले- रविदास ने कहा था कि पराधीनता सबसे बड़ा पाप, पीएम का मध्य प्रदेश में 5 माह में पांचवा दौरा

सागर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चंद महिने शेष हैं। इसको लेकर पीएम मोदी लगातार प्रदेश के दौरे कर रहे हैं। मोदी मध्य प्रदेश को तीन वंदे भारत ट्रेन की सौगात दे चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश में सागर के बड़तूमा में संत रविदास मंदिर और स्मारक की आधारशिला रखी। इस मौके पर पीएम ने कहा- जब हमारी आस्थाओं पर हमले हो रहे थे, हमारी पहचान मिटाने के लिए पाबंदियां लगाई जा रही थीं, तब रविदास जी ने मुगलों के कालखंड में कहा था- पराधीनता सबसे बड़ा पाप है। जो पराधीनता को स्वीकार कर लेता है, जो लड़ता नहीं है, उससे कोई प्रेम नहीं करता।

100 करोड़ की लागत से बनेगा मंदिर-स्मारक

संत रविदास मंदिर-स्मारक 11.29 एकड़ जमीन पर 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाना है। इसकी दीवारों पर संत रविदास के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएंगी। पूरा प्रोजेक्ट नागर शैली में होगा। कला वीथिका बनेगी। भक्त निवास के साथ कई अन्य चीजें भी बनेंगी।

53 हजार गांवों से मिट्टी और 350 नदियों का जल होगा एकत्रित

8 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर और स्मारक निर्माण की घोषणा की थी। संत रविदास मंदिर के लिए पूरे प्रदेश के 53 हजार गांवों से मिट्टी और 350 नदियों का जल लाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इस साल आखिर में विधानसभा चुनाव हैं। बीते 5 महीने में पीएम मोदी पांच बार राज्य का दौरा कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में पूरी दुनिया की व्यवस्थाएं चरमरा गईं। गरीब-दलित के लिए हर को आशंका जता रहा था, कहा जा रहा था कि 100 साल बाद इतनी आपदा आई है। मैंने कहा था कि किसी को भी खाली पेट सोने नहीं दूंगा। मैं भली-भांति जानता हूं कि भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है।
मैं आपके भी परिवार का भी सदस्य हूं। हमारे प्रयासों की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। देश में गरीब कल्याण की जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, उनका लाभ दलित-आदिवासी-पिछड़े समाज को हो रहा है। पहले योजनाएं चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं।
कोई भी दलित, वंचित बिना घर के ना रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री आवास भी दिए जा रहे हैं। जल-बिजली कनेक्शन भी मुफ्त दिया गया है। आज एससी-एसटी समाज के लोग खुद अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं।
सागर के नाम में ही सागर (समुद्र) है। सागर से लाखा बंजारा का नाम भी जुड़ा है। उन्होंने पानी की जरूरत समझी और इसके लिए काम किया। आज पिछड़े-आदिवासी क्षेत्रों में पानी पहुंच रहा है। हम लाखा बंजारा की योजना आगे बढ़ा रहे हैं।
आदिवासी-दलित-पिछड़े वर्ग के लोगों ने राष्ट्र के विकास में भूमिका निभाई है। बाबा साहब से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का बीड़ा उठाया है। एक स्टेशन का नाम टंट्या मामा के नाम पर किया है। आज आदिवासियों को वो सम्मान मिल रहा है, जिसके वो हकदार थे। मुझे विश्वास है कि संत रविदास की शिक्षाएं एकजुट करती रहेंगी।

कमल के फूल पर विराजेंगे संत रविदास

​​​​​​​सागर में मकरोनिया से सटे बड़तूमा में 100 करोड़ रुपए की लागत से संत रविदास महाराज का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। यहां कला संग्रहालय भी बनाया जाएगा। निर्माण शुरू होने के अगले ढाई साल में बनकर तैयार हो जाएगा। मंदिर में संत रविदास की कमल पुष्प पर विराजित प्रतिमा स्थापित की जाएगी।