March 29, 2024

इंदौर। यहां के कॉलेज में साथ पढ़ने वाले फाईनल ईयर के दो छात्र-छात्रा (प्रेमी जोड़े) के लिए हाईकोर्ट ने प्यार भरा फैसला दिया है। कोर्ट के मुताबिक उन्हें पुलिस के बुलाने पर कहीं जाने की जरूरत नहीं है। जहां हैं वहीं से संबंधित टीआई और एसपी मामले में बयान दर्ज कर लें।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले को नजीर मानते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। मामले में एमजी रोड थाने की महिला एसआई ने भी इस जोड़े की कांउसलिंग की। इतना ही नही युवती के पिता को बुलाकर हाईकोर्ट की कॉपी दिखाकर उन्हें भी इस मामले से दूर रहने की हिदायत दी गई।
मामला इंदौर के एक निजी कॉलेज से जुड़ा है। यहां 23 साल के युवक और 20 साल की फाईनल ईयर की स्टूडेंट ने 1 मई को शादी रचा ली। दोनों अलग-अलग समाज से हैं। ऐसे में लड़की के पिता को यह रिश्ता स्वीकार नहीं था। लड़की लसूड़िया इलाके की रहने वाली है। उसके पिता ने उस पर थाने आकर मिलने का दबाव बनाया।
इसके साथ ही बेटी और उसके प्रेमी को जान से मारने की धमकी भी दी। घबराए स्टूडेंट ने वकील कृष्ण कुम्हारे कुन्हारे और डॉ. रूपाली राठौर के माध्यम से हाईकोर्ट से सुरक्षा मांगी। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें जिस दशा में जहां भी हों, वहीं से बयान देने और शादी के साथ दोनों के बालिग होने के डॉक्यूमेंट भी पेश करने के लिए कहा।
अपने आदेश में कोर्ट ने यह कहा
कोर्ट:- याचिकाकर्ता कोई भी धमकी मिलने की दशा में वो इंदौर पुलिस (एसपी) के पास शादी के और उम्र के सबूत के साथ पहुंचेंगे और अपने बयान दर्ज कराएंगे और धमकाने वालों के नाम बताएंगे।
कोर्ट ने कहा कि किसी इमरजेंसी की दशा में या किसी करण से एसपी के पास नहीं पहुंचने पर याचिकाकर्ता को किसी भी नजदीक के पुलिस थाने पर जाकर बयान दर्ज करवाने की अनुमति दी जाती है।
एसपी या थाना प्रभारी याचिकाकर्ता के जीवन को खतरा देखते हुए विधि अनुसार और माननीय सुप्रीम कोर्ट के शक्ति वाहिनी केस में दिए दिशा-निर्देशों अनुसार तुरंत एक्शन लेंगे।
शादी के बाद दोनों कोर्ट के फैसले के चलते पूरी सुरक्षा मिलने से खुश हैं।