प्रदेश में महू समेत पांचों सैन्य छावनी परिषद होंगी खत्म

सिविल एरिया के लिए नगर पालिका का गठन होगा

इंदौर। रक्षा मंत्रालय ने देशभर में 62 सैन्य छावनी परिषदों को समाप्त करना शुरू कर दिया है। मंत्रालय का तर्क है रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा छावनियों के क्षेत्रों के विकास पर खर्च हो रहा है। छावनियों के नागरिक क्षेत्रों के विस्तार के लिए सेना की जमीनों की जरूरत पड़ती है। इस फैसले से मप्र के जबलपुर, मुरार (ग्वालियर), महू पचमढ़ी, सागर की सैन्य छावनी परिषद खत्म होंगी।
इसके बाद छावनी परिषद सैन्य क्षेत्र मिलिट्री स्टेशन में तब्दील हो जाएगी। सिविल एरिया के लिए लिए पालिका का गठन होगा।

रक्षामंत्री ने सेरेमनी पर भी रोक लगाने को कहा था

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कई बार कह चुके हैं कि सेना में ब्रिटिश परंपराओं को खत्म किया जाएगा। महू छावनी परिषद की स्थापना 1818 में हुई। यह मप्र की आर्थिक राजधानी इंदौर से 23 किमी दूर मुंबई-आगरा रोड पर है। यहां की छावनी परिषद करीब 4000 एकड़ में है। इसमें 90 हजार की आबादी है। 8 वार्डों में 30 हजार 485 मतदाता हैं।

राज्य सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा

छावनी परिषद के नागरिकों को अभी राज्य सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ नहीं मिलता था। लेकिन अब योजनाओं का फायदा मिलेगा। कैंटोनमेंट बोर्ड से मिलिट्री स्टेशन बनने के बाद सेना भी अपने एरिया पर फोकस कर सकेगी। छावनी के नागरिकों को नए भवनों के निर्माण, भवन की ऊंचाई बढ़ाने, वाणिज्यिक निर्माण और कन्वर्जन, सफाई, सीवरेज, रोशनी, सड़क के लिए सेना के पास नहीं जाना पड़ेगा।

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