महाकाल: लोकायुक्त के बाद अब उच्च न्यायालय में गुहार…!

उज्जैन। महाकाल मंदिर में सुरक्षा एजेंसी को काम देने का मामला अब माननीय उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है। इसके पहले लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में शिकायत हुई थी। जिसको लेकर जांच शुरू हो चुकी है। नोटिस भी जारी हुआ था। अभी जांच चल ही रही है। इस बीच माननीय उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर हो गई है। जो कि फिलहाल पेंडिंग की लिस्ट में है।

सर्वविदित है कि सुरक्षा को लेकर मंदिर प्रबंधन ने निविदा निकाली थी। 10 सुरक्षा कंपनियों ने भागीदारी की थी। लेकिन अंतत: बाजी क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेस प्रायवेट लिमिटेड के हाथ लगी थी। जिसका खुलासा होते ही, निविदा की शर्तो को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। अब इस मामले में लोकायुक्त के बाद माननीय उच्च न्यायालय इंदौर में जनहित याचिका दायर हो गई है। जिसकी चर्चा मंदिर के गलियारों में सुनाई दे रही है।

पेंडिंग …

क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेस प्रायवेट लिमिटेड कंपनी वर्क आर्डर मिलने से पहले ही विवाद में घिर गई है। सुदर्शन काम्पलेक्स पीथमपुर धार निवासी ओमप्रकाश पिता बाबूलाल धाकड़ ने जनहित याचिका दायर कर दी है। 6 अप्रैल 23 को यह याचिका लगाई गई। जिस पर संभवत: 19 अप्रैल को सुनवाई हो सकती है। याचिकाकर्ता ने प्रमुख सचिव अध्यात्म विभाग, अध्यक्ष मंदिर प्रबंध समिति और मंदिर प्रशासक को पार्टी बनाया है।