भारत के सीए संभाल रहे दुनिया की कई कंपनियां

नगर प्रतिनिधि इंदौर
इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया (आइसीएआइ) देश के 700 जिलों में करियर काउंसिलिंग सेंटर स्थापित करेगा। इसके तहत सरकारी स्कूल, कालेज और अन्य संस्थानों में सेंटर की स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें लाइब्रेरी भी रहेगी। इंदौर और आसपास के जिलों के विद्यार्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा। कक्षा आठवीं से इसमें सीए और करियर काउंसलर विद्यार्थियों को करियर का राह दिखाएंगे। जो विद्यार्थी सीए बनना चाहते हैं उन्हें मदद उपलब्ध कराई जाएगी। वित्तीय साक्षरता को लेकर भी अभियान चलाया जाएगा। इसमें लगातार 75 दिन तक बताया जाएगा कि किस तरह से अपने पैसों को निवेश करना चाहिए। साइबर अपराध से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
यह कहना है आइसीएआइ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सीए रणजीत अग्रवाल का। संस्थान द्वारा बैंक आडिट पर इंदौर में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन शनिवार को रणजीत अग्रवाल शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सीए एक ऐसा पेशा है जिसका राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। हम विश्व के सबसे युवा देश हैं एवं हम विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भी हैं। विश्व के कुल डिजिटल ट्रांजेक्शन का 40 फीसद भारत में होता है। वर्तमान में सीए की नौकरी में डिमांड बहुत बढ़ गई है। 85 फीसद नए सीए नौकरी में हैं एवं 15 फीसद सीए भारत के बाहर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आज बाहर कि कई बड़ी कंपनियां भारतीय सीए संभाल रहे हैं।

समय के साथ बढ़ती जा रही जिम्मेदारी
अग्रवाल ने कहा कि वैल्यूएशन, इंसाल्वेंसी, नई कंपनी की स्थापना, टैक्स आडिट एवं कंसलटेंसी जैसे कई कार्य हैं, जिसके लिए सीए की आवश्यकता होती है। सीए का कार्य और जिम्मेदारी समय के साथ साथ बढ़ती जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक आडिट के दौरान जो भी वित्तीय अनियमितताएं संज्ञान में आती हैं, उनकी उचित रिपोर्टिंग अत्यंत आवश्यक है। साथ ही जब भी कोई एमओसी जारी किए जाए उसका यूनिक आइडेंटिफिकेशन अत्यंत आवश्यक है।
जल्द प्रभाव में आएगा सीए का नया पाठ्यक्रम
सीए का नया पाठ्यक्रम जल्द ही प्रभाव में आ जाएगा। इसमें रेजिडेंशियल ट्रेनिंग भी लाने का प्रस्ताव है। इसके लिए सीए इंस्टीट्यूट पूरे देश में 11 केंद्र स्थापित करने की योजना पर विचार कर रहा है। कोविड के बाद से भारत में विश्व की विभिन्न देशों से आउटसोर्सिंग वर्क की बहुत मांग हो गई है, क्योंकि हम टेक्नोलाजी को बहुत अच्छे से समझते हैं। इंदौर सीए शाखा के चेयरमैन सीए मौसम राठी ने कहा कि जिस सिलिकान वैली बैंक की सुदृढ़ स्थिति बता रहे थे, उसकी तीन माह के भीतर ही दिवालिया स्थिति आ गई है। हमारे यहां देश में एक सार्वजनिक बैंक की ऐसी स्थिति अभी तक नहीं हुई है। उसके पीछे महत्वपूर्ण कारण है बैंकों की ब्रांच का आडिट अलग-अलग फर्म करती हैं।