April 19, 2024

170 नायब तहसीलदारों को भी तहसीलदार बनाया; इसी मांग को लेकर 4 दिन पहले छुट्‌टी पर गए थे

भोपाल। प्रमोशन की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार 20 और 21 मार्च को छुट्‌टी पर रहे थे। प्रदेश के कुल 161 तहसीलदार को सरकार ने प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बनाया है। वहीं, 170 नायब तहसीलदारों को तहसीलदार, 139 राजस्व निरीक्षकों को प्रभारी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख और 80 सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को यहीं पर प्रभारी बनाया है। इनके साथ ही सरकार ने इनकी जिलों में बदला-बदली भी की है। इस मांग को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार 4 दिन पहले छुट्‌टी पर चले गए थे। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह समेत सीनियर अफसरों ने मांग को पूरा करने का भरोसा दिलाया था। तब वे वापस काम पर लौटे थे।
बता दें कि प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा फरवरी से ही गरमाया हुआ था। वे चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ही निकाले, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो की गई है। इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी। इसी मांग को लेकर उन्होंने सांकेतिक रूप से हड़ताल भी की थी। आखिरकार उनकी यह मांग पूरी हुई और शनिवार की शाम को जीएडी ने आदेश निकाल दिए। इससे अफसरों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

सात साल से था प्रमोशन का इंतजार

जिन तहसीलदारों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है, वे पिछले 7 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे। वर्ष 1999 से 2008 के बीच के तहसीलदार इस क्राइटेरिया में आ रहे थे। जिनकी विभागीय जांच चल रही है, वे डिप्टी कलेक्टर नहीं बन पाए।