निगम बजट : नया टैक्स नहीं, कॉलोनी नो-ड्यूज का शुल्क बढ़ेगा

आरई-2, एमआर-3, एमआर-5, खंडवा रोड सहित अन्य निमार्णाधीन सड़कों को पूरा करने के लिए भी राशि का प्रावधान हो
नगर प्रतिनिधि इंदौर
नगर निगम के वर्ष 2023-24 के लिए पेश होने वाले बजट में किसी तरह का नया टैक्स लोगों पर नहीं लगाया जाएगा, लेकिन कॉलोनी नो-ड्यूज के लिए शुल्क बढ़ाया जाएगा। करीब 7 हजार 400 करोड़ के बजट में 50 करोड़ रुपए निगम ने सौर ऊर्जा (सोलर सिटी) को बढ़ावा देने के लिए तय किए हैं। संभवत: 27 से 30 मार्च के बीच रिव्यू बैठक होगी। 10 अप्रैल के बाद बजट पेश हो सकता है।
पिछली बार 7 हजार 200 करोड़ का बजट था। इस बार 200 करोड़ रुपए बढ़ाए हैं। संभवत: 1 से 2 करोड़ रुपए खेल गतिविधियों के लिए रखे जाएंगे। खेल गतिविधि के लिए निगम में नया विभाग बनाया जा रहा है। वर्ष 2022 में निगम को 726 करोड़ की आय हुई थी। इस साल आय कम है, इसीलिए बकाया वसूली पर निगम का सारा जोर है। इस बार पार्षदों सहित अन्य के लिए बजट की कॉपी नहीं दी जाएगी। इसके डिजिटलाइजेशन पर विचार किया जा रहा है। पुस्तकों की बजाय पेनड्राइव में बजट दिया जाएगा। एक बार कोड मिलेगा।
अमृत-2 की डीपीआर फिर से तैयार होगी
पिछले वर्ष 1600 करोड़ के अमृत-2 प्रोजेक्ट को रखा था। इस बार 1168 करोड़ की अमृत योजना को बजट में रखा जाएगा। डीपीआर दोबारा बनवाई जा रही है, जिसे जल्द ही मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। घर-घर नर्मदा के लिए वर्ष 2023 में इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
वेस्ट टू एनर्जी के लिए पीपीपी मॉडल
वेस्ट टू एनर्जी की ओर जाने के लिए पीपीपी मॉडल लाया जाएगा। अभी कुछ कचरा ऐसा है जो रिजेक्ट हो जाता है तो उसका निस्तारण मुश्किल होता है। इसलिए निगम नए प्लांट के लिए भी कार्ययोजना तैयार कर रहा है। रोजाना 80 टन कचरा ऐसा ही होता है।
सफाई पर खर्च 10 फीसदी तक बढ़ाएंगे
स्वच्छता पर पिछली बार 111 करोड़ रखे थे। इस बार 10 फीसदी की बढ़ोतरी की है। स्वीपिंग मशीन, जीडीएस के मेंटेनेंस सहित कुछ प्रावधान किए हैं। सीएनडी प्लांट की क्षमता 100 की बजाय 200 टन करने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। पिछले बजट में 100 टन के सीएनडी प्लांट को मंजूरी मिली थी। पिछले बजट में खेल प्रकोष्ठ के लिए भी 20 करोड़ मंजूर किए थे।
प्रधानमंत्री आवास में 10 साइट पूरी होगी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर में 10 साइट्स पर काम हो रहा है। इन्हें प्राथमिकता से पूरा किया जाना है। केंद्र सरकार ने इस योजना को वर्ष 2024 तक बढ़ाया है। पिछली बार 500 करोड़ आवंटित किए थे। इसमें से 350 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। इस बार फिर 500 करोड़ का प्रावधान रहेगा।