नगर निगम के गोंदिया कचरा प्रोसेसिंग प्लांट में लगी भीषण आग -फायर बिग्रेड के 10 से अधिक कर्मचारी मौके पर, 50 से अधिक टेंकर पानी बहाया

उज्जैन। नगर निगम के गोंदिया कचरा प्रोसेसिंग प्लांट में मंगलवार दोपहर एक बार फिर से आग लग गई। ग्रामीणों ने धुआं उठता देखा तो फायर बिग्रेड को सूचना दी। दोपहर 3 बजे से आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू हुए, रात 12 बजे तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था। कचरा प्रोसेसिंग प्लांट में हर वर्ष गर्मियों के दिनों में आग लगना सामने आता है। चिंतामण गणेश मंदिर से कुछ दूरी पर ग्राम गोंदिया में नगर निगम का ट्रेचिंग ग्राउंड बना हुआ है। जहां निगम द्वारा शहरभर के कचरे की प्रोसेसिंग कर खाद तैयार किया जाता है। मंगलवार दोपहर ट्रेचिंग ग्राउंड के आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने कचरे के ढेर से आग की लपटे और धुआं उठता देखा तो फायर बिग्रेड को सूचना दी। मौके पर चार फायर फायटर और चार वाटर लॉरी पहुंची। कचरे में लगी आग हवा चलने पर विकराल रूप धारण कर चुकी थी। जिस पर काबू पाने के प्रयास शुरू किये गये। फायर बिग्रेड के 10 कर्मचारियों के साथ निगम के अधिकारी भी ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंच चुके थे। आग को फैलती देख नगर निगम की वाटर लारियों ने पानी लाने के लिये राउंड लगाना शुरू कर दिये। पीएचई विभाग के 12-12 हजार लीटर के 2 टैंकर भी बुला लिये गये थे। फायर बिग्रेड के कर्मचारी रवि ने बताया कि रात 12 बजे तक 50 वाटर लारी और टैंकर पानी बहाया जा चुका था। लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका था, कचरे से धुआं उठाता नजर आ रहा था। मौके पर जेसीब भी रवाना की गई थी, जो कचरे के ढेर को फैलाने का प्रयास कर रही थी। रात्रिकालीन शिफ्ट में आने कर्मचारी भी ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंच गये थे। गनीमत यह रही कि आग प्रोसेसिंग प्लांट तक नहीं पहुंची थी। ट्रेचिंग ग्राउंड के आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने बताया यहां 4 से 5 गांव बसे है, जिसकी आबादी 6 से 7 हजार के आसपास है। यहां हर वर्ष गर्मी के दौरान कचरे में आग लगी है। जिस पर बारिश के दौरान ही पूरी तरह से काबू पाया जाता है। पिछले वर्ष लगी आग प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंची थी और काफी नुकसान हुआ था।