कैलोद करताल में बगैर नोटिस तोड़ दिए 140 गरीब परिवारों के मकान

दलित नेता परमार पीड़ितों के साथ जाकर इंदौर कलेक्टर से मिले, मजदूर वर्ग न तो रेरा जानता है और न ही टीएनसीपी या डायवर्सन, अवैध कॉलोनी काटने वालों ने की धोखाधड़ी

ब्रह्मास्त्र इंदौर।

खंडवा रोड स्थित केलोद करताल क्षेत्र में बने 140 गरीब परिवारों के मकानों को प्रशासन ने कल यहां बगैर नोटिस दिए तोड़ दिया। वजह बताई गई कि इस जमीन पर डायवर्सन और टीएनसीपी नहीं हुआ है। अपने खून पसीने की कमाई से जैसे-तैसे जोड़ जोड़ कर गरीब लोगों ने यहां पर नई कॉलोनी में भूखंड लिए थे और उस पर उन्होंने अपने कच्चे-पक्के मकान जैसे- तैसे बनाकर रहना शुरू कर दिया था। डायवर्सन और टीएनसीपी नहीं होने के नाम पर प्रशासन ने इन सभी लोगों के मकान तोड़ कर उन्हें सड़क पर ला दिया। गरीब रहवासियों का कहना है कि प्रशासन ने इस बारे में नोटिस देना भी उचित नहीं समझा। सीधे आए और कार्यवाही कर दी। इस मामले में दलित नेता मनोज परमार के पास जब लोग मदद के लिए पहुंचे , तो उन्होंने रहवासियों के साथ जाकर इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी से मुलाकात की तथा उन्हें पूरी वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। दलित नेता परमार ने इंदौर कलेक्टर को बताया कि यह गरीब लोग हैं। यह न तो रेरा जानते हैं और न ही टीएनसीपी या डायवर्सन। जैसे -तैसे इन्होंने प्लाट खरीदे और कच्चे पक्के मकान बना लिए, जिन्हें प्रशासन ने तोड़ दिया और अब यह सड़क पर सो रहे हैं।

कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन

श्री परमार के अनुसार कलेक्टर ने इस मामले में जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि अवैध कॉलोनी काटने वाले दिलीप मेहता व कैलाश शर्मा पर भी जांच कर हम कार्रवाई करेंगे।

इसी खसरे पर एकेडमी व होटल, वह वैध तो बस्ती अवैध कैसे..?

गौरतलब है कि खंडवा रोड पर इसी जमीन के खसरे पर एकेडमी और होटल भी बनी हुई है। गरीब रहवासियों का कहना है कि यदि वह वैध है तो हमारी कॉलोनी अवैध कैसे? अगर गरीबों की बस्ती अवैध मानते हुए तोड़ दी गई तो इन्हें क्यों छोड़ दिया? कलेक्टर ने इस मामले की भी जांच करवाने का आश्वासन दिया है। बहरहाल जिलाधीश का कहना है कि यह जमीन तो आपकी है, लेकिन जब तक टीएनसीपी और डायवर्सन नहीं हो जाता, तब तक आप निर्माण नहीं कर सकते। सवाल यह भी है कि जब यह बस्ती बस रही थी तब प्रशासन कहां था ? उस वक्त ही यदि रोक दिया होता तो इन गरीबों के साथ धोखाधड़ी नहीं होती और वह आज सड़क पर नहीं आते।

कलेक्टर को दिए ज्ञापन में यह कहा रहवासियों ने

गरीब रहवासियों ने कलेक्टर को दिए आवेदन पत्र में बताया है कि ग्राम कैलोद करताल इंदौर का वार्ड 77 सर्वे क्रमांक 936/2 पटवारी सर्वे हेतु कृषि भूमि स्थित है। जिस पर हम गरीब लोग जैसे बेलदार, ड्राइवर, फल सब्जी बेचने वाले, मिस्त्री, झाड़ू पोछा लगाने वाले,खाना पकाने वाले, मजदूर वर्ग के लोगों को 600 वर्ग फीट के प्लाट मजदूरी करके व कर्ज लेकर खरीदे थे। इसकी रजिस्ट्री भी वर्ष 2019 में हो गई। वर्ष 2014 से मार्च 2022 तक नगर निगम में संपत्ति कर भी जमा हुआ है। जब भी हम जमीन पर कच्चा पक्का निर्माण करते हैं, तब पास के ही 2 बड़े लोग जितेंद्र मिश्रा (जेएम कोचिंग एकेडमी वाला) और आकाश सचदेव (स्काईलाइन होटल के मालिक) नगर निगम में बार-बार शिकायत करते हैं। निगम टीम द्वारा हमारा निर्माण कार्य रुकवा कर तोड़ देते हैं। इससे हम लोग बहुत परेशान होते हैं। नगर निगम आयुक्त को पूर्व में सामूहिक आवेदन दे चुके हैं। इन दोनों की हमारी जमीन पर नजर है।