April 25, 2024

मप्र भी पेश करेगा आतंक के सबूत, इंदौर ,उज्जैन से गिरफ्तार हुए थे 6 आतंकवादी

इंदौर। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध की पुष्टि के लिए गठित ट्रिब्यूनल आज से दिल्ली में सुनवाई शुरू कर रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा मामले की सुनवाई करेंगे। मध्य प्रदेश सरकार भी पीएफआई और उससे जुड़े प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ सबूत पेश करेगी। इंदौर पुलिस की तरफ से एसीपी क्राइम राजेश हिंगणकर का एफिडेविट प्रस्तुत किया गया है। बताया जा रहा है कि पीएफआई की तरफ से उनकी केरल इकाई अपना पक्ष रखेगी।
दरअसल, देश विरोधी गतिविधियों के चलते केंद्र सरकार ने 28 सितंबर को अधिसूचना जारी कर पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। ट्रिब्यूनल ने 22 नवंबर को जाहिर सूचना प्रकाशित कर सरकार सहित पीएफआई को अपना पक्ष रखने को कहा था। गौरतलब है सितंबर में एनआईए ने कार्रवाई कर देशभर से 170 सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

इंदौर -उज्जैन सहित 8 जिलों से हुए थे गिरफ्तार

प्रदेश में भी एटीएस के साथ संयुक्त कार्रवाई में इंदौर, भोपाल, उज्जैन सहित 8 जिलों में संगठन से जुड़े 21 सदस्य गिरफ्तार किए गए थे। इंदौर, भोपाल और उज्जैन में पीएफआई और उससे जुड़े चार प्रतिबंधित संगठन मुख्य रूप से सक्रिय पाए गए है।
आठ सहयोगी संगठनों में रिहेब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल और नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं।

सिमी पर प्रतिबंध लगा तो पीएफआई से जुड़ गए

सिमी के बड़े नेटवर्क को तोड़ चुके इंदौर पुलिस के मौजूदा एसीपी क्राइम राजेश हिंगणकर कहते हैं कि इंदौर, बुरहानपुर, खंडवा और उज्जैन के कुछ क्षेत्रों में पीएफआई लगातार सक्रिय है। सिमी पर प्रतिबंध के बाद उससे जुड़े कई लोग पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़ गए। सामान्य तौर पर इसके सदस्य कभी मोबाइल का उपयोग नहीं करते।
गौरतलब है कि ट्रिब्यूनल की पुष्टि के बाद ही लगेगी पीएफआई पर प्रतिबंध की मुहर लगेगी।