अब इंदौर में हो सकेगी कोरोना सहित अन्य वायरसों के वैरिएंट की जांच

विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से एमजीएम मेडिकल कालेज को मिली जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन

इंदौर। अब कोरोना सहित अन्य सभी वायरसों के वैरिएंट का पता इंदौर में ही लग सकेगा। अब सैंपल भोपाल या अन्य बड़े शहर नहीं भेजने पड़ेंगे। वैरिएंट का पता लगाने वाली जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज पहुंच गई है। इसे माइक्रो बायोलाजी लैब में स्थापित किया जाएगा। यह मशीन एक महीने में काम शुरू कर देगी। पहले यह मशीन केंद्र सरकार की मदद से स्थापित होने वाली थी, लेकिन केंद्र ने हाथ खींच लिए। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन इंदौर की मदद के लिए आगे आया।
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज इंदौर में मिले थे, बावजूद इसके कोरोना के वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन यहां नहीं थी। केंद्र शासन ने इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज को जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन देने की स्वीकृति दी थी, लेकिन बाद में यह मशीन भोपाल के हमीदिया अस्पताल को दे दी गई, जबकि वहां पहले से एम्स में यह मशीन मौजूद है। बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमजीएम मेडिकल कालेज को यह मशीन देने का निर्णय लिया। मेडिकल कालेज प्रबंधन ने मशीन कालेज पहुंचने की पुष्टि की है। मशीन की कीमत करीब 60 लाख रुपये है। एमजीएम मेडिकल कालेज के डीन डा. संजय दीक्षित ने बताया कि मशीन एमजीएम मेडिकल कालेज पहुंच गई है। इसे माइक्रो बायोलाजी विभाग में स्थापित किया जाएगा। मशीन एक माह में काम शुरू कर देगी।