April 27, 2024

सारंगपुर। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल जहॉं नवरात्र, दशहरा और दिपावली के पर्व पर भी बाजार बंद रहने के कारण जो सन्नटा दिखाई देता था वैसा ही सन्नटा इस वर्ष बिना कोई प्रतिबंध के बाजार दिखाई दे रहा है। वजह इस बार कोरोना महामारी नही बल्कि बढती हुई मंहगाई और अतिवर्षा से खराब हुई फसल है। कोरोना महामारी का असर अब नहीं होने से दूकानदारों को थोडी राहत की किरणें नजर आई थी की पिछले सालो में हुए नुकसान से उन्हें कुछ तो राहत मिलेगी ही लेकिन इस वर्ष भी सन्नटा पसरा दिखाई देता है तो दूकानदारों का दिल बैठ जाता है। मंहगाई अपने चरम पर पहुँच पर लोगो की जैब काट रही है वही ग्रामीण अंचल में जहॉं किसानों की आय का सबसे बडा स्त्रोत फसल है वह अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में हुई अतिवर्षा के चलते खराब हो गई है। जिससे किसानों पर दोगूनी मार पडी है। अचंल के सभी किसान इस वक्त अपने-अपने खेतों में बची हुई सोयाबीन की फसल को निकालने में व्यस्त है जिससे वह अपने नुकसान को जितना हो सके उतना कम कर सके। साथ ही मध्यमवर्गीय परिवार भी मंहगाई की वजह से बाजार जाने से कतरा रहा है। पेट्रोल-डीजल से लेकर खाद्य तेलों के दाम, खुदरा बाजार में तेजी आने से खाद्य पदार्थाे के दामों में जो वृृद्धि आई है उससे सिर्फ अपनी जरूरतों पर खर्च करना उन्हें मुनासिब दिखाई दे रहा है। रविवार के दिन बाजार में घुमकर दूकानदारों से चर्चा की तो पता चला कि मंहगाई और फसल की वजह से लोग बाजार में आने से कतरा रहे है।